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डीजी के तबादले से लोकायुक्त संस्था पर आंच


श्रीप्रकाश दीक्षित     

                 मध्यप्रदेश लोकायुक्त में पदस्थ डीजी कैलाश मकवाणा के छह महीने में ही तबादले ने इस संस्था की प्रतिष्ठा गिराई ही है.मीडिया ने मकवाणा को साफ़ सुथरा अफसर बताते हुए तबादले को भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम से जोड़ा है. खबरों के मुताबिक लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता की नाराजगी के चलते उन्हें हटाया गया है.इसकी पुष्टि जस्टिस गुप्ता का यह मासूमियत भरा कथन करता है की मकवाणा को राज्य सरकार ने हटाया है इसलिए उसी से कारण पूछिए.?अब शिवराज जैसे मुख्यमंत्री बिना लोकायुक्त की मर्जी के उन्हें हटाने की गुस्ताखी कर सकते थे भला..? मैं कोई तेरह बरस मध्यप्रदेश पुलिस का जनसंपर्क अधिकारी रहते मकवाणा साहब की साफ़ सुथरी और निर्विवाद छबि का गवाह रहा हूँ.पुलिस मुख्यालय जैसी तैनाती के बजाए एआईजी रैंक के अफसर जिला एसपी बनने में ज्यादा रूचि लेते हैं.पर मकवाणा इससे बचते थे.
                 मुझे याद आ रहा है मुलताई गोलीकांड के बाद उन्हें बैतूल का एसपी बनाया गया था पर कुछ दिनों बाद ही अनुरोध कर वो मुख्यालय लौट आए थे.बैतूल वह जिला है जिसे वीवीआइपी अफसरों के लिए बेहद सुविधाजनक माना जाता है.मैं जब वहां पीआरओ था तब दिलीपराज सिंह चौधरी कलेक्टर थे जिनके पिता मारुतराज सिंह चौधरी मुख्य सचिव रह चुके थे और श्वसुर ब्रह्मस्वरूप मुख्य सचिव थे.आजकल मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के बेटे कलेक्टर हैं तो पूर्व सांसद और पूर्व प्रमुख सचिव गृह डॉ भागीरथ प्रसाद की बेटी एसपी.पुलिस को इन दिनों कितने दबाव में काम करना पड़ रहा है इसे आज की खबर से समझा जा सकता है की राजधानी के टीआई ने स्वेच्छा से थाना छोड़ दिया है.
               यह किसी से छिपा नहीं है की खुद इंस्पेक्टरों के अलावा पसंदीदा अफसरों को थानेदार बनवाने में विधायक आदि कितना जोर लगाते हैं.विभाग के एसएएफ जैसे संगठन में अरसे से बड़े अफसरों का टोटा है और अब आईजी की ही तैनाती हुई है जबकि यहाँ स्पेशल डीजी और एडीजी के अलावा कई आईजी भी पदस्थ रहे हैं.उधर सरकार के आरक्षण एजेंडे के चलते आरक्षकों के बीस बाईस हजार पद रिक्त हैं.तींन एक हजार पद बमुश्किल भरे गए,पर चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर दायर याचिका के बाद बिना इजाजत बाकी की भर्ती पर हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है.मैदानी पुलिस बल को पोषण भत्ते के नाम पर अभी भी सिर्फ 25 रूपये ही मिलते हैं..!

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