मूर्तियों और स्मारकों का सूबा बनता मध्यप्रदेश..?
श्री श्रीप्रकाश दीक्षित ,वरिष्ठ पत्रकार
लगता है की मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान प्रदेश को स्मारकों,मूर्तियों और मंदिरों का राज्य बनाकर ही मानेंगे.प्रदेश में कोरोना की मार से उपजी आर्थिक तंगी से हैरान,परेशान और दुखी प्रजा द्वारा खुद मरने और अपनो को मारने के खौफनाक हादसे हो रहे हैं.सरकारी स्कूलों/अस्पतालों की दुर्गति से अख़बार रंगे रहते है.इन तमाम दुख दर्दों के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज मूर्तियो,मंदिरों और स्मारकों पर जनता का पैसा फूंके जा रहे हैं. इस मुहिम का ताजा ऐलान उनहोंने पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी की भव्य मूर्ति भोपाल के अलावा बागली में भी स्थापित करने का किया है.पूर्व के नाते मंत्रालय मे उनकी मूर्ति लग ही रही है.वे इत्तेफाक से मुख्यमंत्री बने और छह महीने में हटा दिए गए थे.!
दो महीने पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय लता मंगेशकर की मूर्ति लगाने और संग्रहालय बनाने का ऐलान कर चुके हैं.भले उनका जन्म इंदौर में हुआ पर लताजी ने जन्मभूमि के लिए कुछ किया हो इसका जिक्र नहीं मिलता जबकि वे करोड़ों की स्वामिनी थीं.मंत्रालय में स्वर्गीय मुख्यमंत्रियों की मूर्तियों की स्थापना की ही जा रहीं हैं.शिवराज भिंड मे भी शौर्य स्मारक बनवाने जा रहे हैं.भोपाल मे अरबों की बेशकीमती जमीन पर पचास करोड़ का शौर्य स्मारक वो बनवा ही चुके हैं.शौर्य स्मारक कहीं बनना था तो ग्वालियर में झाँसी की रानी के समाधिस्थल पर बनना था.ग्वालियर से सटे भिंड/मुरैना के लोग बड़ी तादाद मे सेना मे भर्ती होते हैं.
ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति तथा स्मारक और भोपाल में कुशाभाऊ ठाकरे,नानाजी देशमुख और सुषमा स्वराज की प्रतिमाएँ स्थापित करने की घोषणा भी वो कर चुके हैं.सुषमाजी की एक प्रतिमा विदिशा में भी लगाईं जाएगी.ओंकारेश्वर मे 2161 करोड़ के स्टेच्यू ऑफ वननेस और शंकराचार्य की मूर्ति तथा महाकाल प्रोजेक्ट पर 1200 करोड़ खर्च किए जाएँगे.श्रीलंका मे सीता माता मंदिर और भोपाल भारत माता मंदिर,वीर भारत मंदिर तथा गैसकांड और पद्मावती के स्मारकों के निर्माण का भी वो ऐलान कर चुके हैं.
...000...