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इस बार चार सर्वार्थसिद्धि और चार रवियोग में मनेगा शारदीय नवरात्र


उज्जैन। देवी आराधना का पर्व शारदीय नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरू होगा। 38 साल बाद नवरात्रि के 9 दिन में चार सर्वार्थसिद्धि व चार रवियोग का संयोग बन रहा है। नवमी तिथि पर संध्या काल में विजयादशमी का पर्व मनाया जाएगा। विशिष्ट संयोग में आने वाली नवरात्रि साधना व सिद्धि की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इन नौ दिनों में की जाने वाली पूजा फलदायी रहेगी।

ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार इस बार शारदीय नवरात्रि पूरे नौ दिन की रहेगी। 17 अक्टूबर को घट स्थापना होगी तथा 25 नवंबर को सुबह नवमी पूजन के उपरांत शाम को दशहरा मनाया जाएगा। अधिकमास के चलते यह संयोग 38 साल बाद बन रहा है। क्योंकि प्रत्येक तीन वर्ष में आने वाले अधिकमास की गणना अलग-अलग प्रकार से की जाती है।

विशेष यह है कि 17 अक्टूबर को शनिवार के दिन चित्र नक्षत्र उपरांत स्वाति नक्षत्र, विषकुंभ योग, नाग करण, तुला राशि का चंद्रमा तथा सर्वार्थसिद्धि योग का संयोग रहेगा। घट स्थापना के दिन सर्वार्थसिद्धि योग दिन में 11 बजकर 54 मिनिट से शुरू होगा, जो अगले दिन रविवार सुबह 6.28 बजे तक रहेगा। इस दृष्टि से 19 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग साधना व उपासना की दृष्टि से सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

सर्वार्थसिद्धि योग कब-कब

-17 अक्टूबर : दिन में 11.54 बजे से अगले दिन सुबह 6.28 बजे तक

-19 अक्टूबर : सुबह 6.20 से रात्रि 3.52 बजे तक

-23 अक्टूबर : रात्रि पर्यंत अर्थात पूरी रात

-24 अक्टूबर : मध्य रात्रि में विशिष्ट योग विद्यमान रहेगा

रवियोग कब-कब

-18 अक्टूबर : सूर्यास्त के बाद से अगले दिन 19 अक्टूबर को सुबह 5 बजे तक
-20 अक्टूबर : रात्रि 2 बजे से 21 अक्टूबर को मध्यरात्रि तक

-24 अक्टूबर : मध्यरात्रि से 25 अक्टूबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त तक

घट स्थापना के श्रेष्ठ मुहूर्त
17 अक्टूबर को घट स्थापना के साथ नौ दिवसीय पर्व काल का शुभारंभ होगा। पं.डब्बावाला के अनुसार 17 अक्टूबर को सुबह 8 से 9.30 बजे तक शुभ, दोपहर 2 से 3.30 बजे तक लाभ, दोपहर 3.30 से शाम 5 बजे तक अमृत घट स्थापना के लिए श्रेष्ठ समय है। इसके अलावा सुबह 11.54 से रात्रि पर्यंत सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा, जो दिन की शुभता में वृद्धि करेगा। इन चौघड़ियों में संकल्प की सिद्धि, सुख समृद्धि तथा घर परिवार में देवी दुर्गा की कृपा प्राप्ति के लिए घट स्थापना करना विशेष शुभ है।

नगर में यह विशेष

- शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि के 9 दिन संध्या काल में भक्तों की ओर से दीपमालिका प्रज्वलित की जाएगी। हरसिद्धि मंदिर में संध्या आरती विशेष मानी जाती है। मान्यता है कि माता हरसिद्धि दिन में गुजरात के हर्षद गांव स्थित मंदिर में रहती है तथा रात्रि विश्राम के लिए उज्जैन आती हैं। इसलिए यहां रात्रि 8 बजे की आरती का विशेष महत्व है।

- शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी पर अनादिकाल से नगरपूजा का विशेष महत्व है। इस बार 24 अक्टूबर को नगर पूजा होगी। कलेक्टर आशीष सिंह चौबीस खंबा माता मंदिर में देवी महामाया व महालया को मदिरा का भोग लगाकर नगर पूजा की शुरुआत करेंगे। इसके बाद नगर के विभिन्न् कोणों में स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिर में शासकीय पूजा होगी।

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