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RBI ने बनाया प्‍लॉन, अब दूर होगी पर्सनल लोन की चिंता



मुंबई । 2008 में जिस तरह की व्यापारिक मंदी आई थी, उससे भी बुरे हालात अब कोरोना संक्रमण काल में अर्थव्यवस्था के हो गए हैं। ऐसे में भारतीय रिजर्व बैंक आम जनता के लिए लोन रीस्ट्रक्चर की सुविधा ला रहा है। इसके जरिए एयरलाइन कंपनियां, होटल, स्टील सीमेंट जैसी कंपनियां भी अपना लोन रीस्ट्रक्चर कर सकती है, लेकिन सबसे ज्यादा राहत आम लोगों को होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि लोन रीस्ट्रक्चर की मांग लंबे समय से की जा रही थी। आइए जानते हैं आरबीआई का ये फैसला किस तरह के पर्सनल लोन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है -

- रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के अनुसार इस योजना का फायदा केवल एक मार्च तक 30 दिनों तक के डिफाल्टर को ही मिलेगा। इससे ज्यादा दिनों के डिफाल्टर को यह फायदा नहीं मिलेगा। क्रेडिट कार्ड लोन, ऑटो लोन, गोल्ड जूलरी, पर्सनल लोन टू प्रफेशनल्स जैसे पर्सनल लोन इस कैटेगिरी में आते हैं।

- रिजर्व बैंक की गाइडलाइऩ के मुताबिक सभी बैंकों को लोन रीस्ट्रक्चर स्कीम के लिए अधिकतम 31 दिसंबर 2020 तक का समय दिया गया है। वहीं इस योजना का लागू करने की समय सीमा 90 दिन है। यानी जिस दिन रिजॉल्यूशन प्रोसेस शुरू होगी, उसके 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा।

- आरबीआई गाइडलाइन के मुताबिक लोन रीस्ट्रक्चर प्लान के तहत बैंक पेमेंट रीशेड्यूल कर सकता है। इसके अलावा ब्याज को अलग क्रेडिट सुविधा के रुप में अलग किया जा सकता है। ग्राहक की आय़ को देखते हुए बैंक मोराटोरियम की भी सुविधा दे सकता है, हालांकि यह सुविधा अधिकतम दो सालों के लिए ही हो सकती है। वहीं यह भी संभव है कि लोन की अवधि को बढ़ा दिया जाए जिससे लोन उपभोक्ता की ईएमआई कम हो जाए।

- RBI गाइडलाइन के मुताबिक इस प्लान को तभी पूरा माना जाएगा जब बैंक और बॉरोअर्स के बीच सहमति हो और एग्रीमेंट पर आगे बढ़ते हैं। वहीं एग्रीमेंट के तहत लेंडर्स और बॉरोअर्स के बीच जो कुछ भी तय होता है, वह बैंक के बुक ऑफ अकाउंट में अपडेटेड दिखे। वहीं बॉरोअर्स का बैंक डिफाल्टर भी नहीं होना चाहिए।

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