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कोरोना संकट ने लगाया मारुति-हुंडई और टाटा के निर्यात को झटका



कोरोना संकट की वजह से ऑटो सेक्टर पर गहरा असर पड़ा है. घरेलू बिक्री के साथ-साथ निर्यात में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. दुनिया भर में मांग घटने से भारत से यात्री वाहनों का निर्यात चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 75 प्रतिशत गिर गया. 

वाहन बनाने वाली कंपनियों के संगठन सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के आंकड़ों के अनुसार, कुल यात्री वाहनों का निर्यात अप्रैल-जून तिमाही में घटकर 43,748 यूनिट्स रह गया, जो कि एक साल पहले की अवधि में 1,73,054 यूनिट्स था. 2019-20 की अप्रैल-जून अवधि में 1,36,204 यूनिट्स की तुलना में यात्री कार निर्यात 76.58 फीसद घटकर 31,896 यूनिट्स रह गया. 

इसी प्रकार, उपयोगिता वाहनों का निर्यात समीक्षाधीन अवधि में 67.56 फीसद घटकर 11,813 यूनिट्स रहा. एक साल पहले यह 36,418 यूनिट्स था. इसी तरह पहली तिमाही में महज 39 वैन का निर्यात किया जा सका, जो सालभर पहले के 432 वैन की तुलना में 90.97 फीसदी कम है. 

पीटीआई के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से प्लांट और डीलरशिप को बंद करने, सप्लाई में दिक्कतें, शहरों में कर्फ्यू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में रुकावट आई. भारत से यात्री वाहनों का निर्यात मुख्य रूप से लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, यूरोप और एशिया के देशों में किया जाता है. 

वाहन निर्माताओं के बीच, हुंडई मोटर इंडिया ने अप्रैल-जून में सर्वाधिक 12,688 यूनिट्स का निर्यात किया. हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में कंपनी का निर्यात 74.73 प्रतिशत कम रहा. 

इसके बाद मारुति सुजुकी इंडिया रही, जिसने पहली तिमाही के दौरान 9,410 वाहनों का निर्यात किया. यह साल भर पहले की तुलना में 65 फीसदी कम रहा. किआ मोटर्स ने 5,395 इकाइयों का निर्यात किया, जबकि फोर्ड इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से 84.53 प्रतिशत नीचे 5,209 इकाइयों का निर्यात किया. 

महिंद्रा एंड महिंद्रा का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 896 यूनिट्स रहा जो सालाना आधार पर 79.73 फीसदी कम है. इसी तरह, फॉक्सवैगन इंडिया ने एक साल पहले की इसी अवधि के मुकाबले 77.56 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,154 इकाइयों का निर्यात किया. जनरल मोटर्स के पहली तिमाही में निर्यात में 84.06 प्रतिशत की गिरावट रही और यह 3,186 यूनिट्स रहा. निसान मोटर इंडिया का निर्यात 80.92 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,127 इकाइयों पर आ गया. 

एफसीए इंडिया 475 इकाइयों का जबकि होंडा कार्स ने 142 यूनिट्स का निर्यात किया. इसके अलावा, टाटा मोटर्स ने 15 यूनिट्स और रेनॉ इंडिया ने 24 इकाइयों का निर्यात किया. इसुजु मोटर्स ने पहली तिमाही के दौरान 11 इकाइयों का निर्यात किया. 

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