युवक ने कबाड़ से बनाया आयरन मैन का सूट
फिल्मों में दिखाए जाने वाले सुपर हीरो को लोग काफी पंसद करते हैं. दुनियाभर में ऐसी रोमांचक फिल्में बहुत पंसद की जाती हैं. ऐसे ही मार्वल की फिल्म आयरन मैन के लोग दिवाने हैं. वहीं, इस बीच मणिपुर में एक ऐसा युवक सामने आया है जिसने कबाड़ से जुगाड़ करके आयरन मैन का सूट बना डाला.
यह देखा गया है कि आयरन मैन सुपर हीरो की दिवानगी ऐसी थी कि एक युवक ने बचे हुए काबाड़ और इलेक्ट्रॉनिक कचरे से बकायादा आयरन मैन का सूट बना दिया. एएनआई के अनुसार, आयरन मैन का सूट बनाने वाले युवक की उम्र 20 साल है. युवक का नाम नूंगबम प्रेम है जो मणिपुर के थाउबल जिले के गांव हीरोक पार्ट -2 से है.
नूंगबम प्रेम ने कोई इलेक्ट्रॉनिक रोबोट या औपचारिक प्रशिक्षण की कोई अतरिक्त शिक्षा प्राप्त नहीं की है. उसने केवल फिल्मों से देख और समझ कर आयरन मैन का सूट बनाया है. प्रेम ने उससे पहले अन्य रोबोट आइटमों का एक डेमो मॉडल भी बनाया था, जैसे कि स्पाइडर-मैन की तरह हाथ से वेब (जाल) बनाने का यंत्र बनाया था.
प्रेम ने पहले अपने छोटे भाई को आयरन मैन के सूट बनाने के लिए राजी किया. फिर दोनों ने कबाड़ में पड़े स्क्रैप सामग्री, आपातकालीन लैंप, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, सीरिंज, स्पीकर फ्रेम और यहां तक कि आईवी-द्रव ट्यूबों का उपयोग करके यह सूट बनाया है.
प्रेम का कहना है कि मैं अपने बचपन के दिनों से एक रोबोट बनाना चाहता था. लेकिन आयरन मैन का सूट बनाने की सनक 2015 के आसपास शुरू हुई. इसे बनाने का एक कारण यह है कि मैं मणिपुरी फिल्मों में इस वैज्ञानिक प्रभाव को जोड़ना चाहता हूं क्योंकि अधिकांश फिल्में रोमांटिक कहानियों पर ही आधारित होती हैं.
आगे प्रेम ने कहा, 'मैंने इनमें से अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक कचरे को रेडियो की दुकानों और टेलीविजन से एकत्रित किया है. क्योंकि हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि वह सामग्री खरीद सकें, इसलिए मैंने इन सभी सामग्रियों को जमा करना शुरू किया.' प्रेम की मां निंगोबम रसेश्वरी देवी का कहना है कि सिंगल मदर होने की वजह से हम वो सामान नहीं खरीद सकते थे जो उसे जरूरत थी. घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसने खुद ही पूरा सामान एकत्र किया है.
आगे उन्होंने बताया कि जब मेरे बेटे ने इस सूट की फोटो को फेसबुक पर अपलोड किया तो काफी साहरना मिली. वहीं कई लोगों ने इस तरह और भी चीजें को बनाने के लिए कहा लेकिन अभी तक कोई भी हमें समर्थन देने के लिए व्यक्तिगत रूप से नहीं आया. वह घर पर टेलीविजन, रेडियो और आपातकालीन लैंप की कुशलता से मरम्मत कर सकता है. हमें भी कभी न कभी इलेक्ट्रीशियन की आवश्यकता पड़ती.