top header advertisement
Home - धर्म << शारदीय नवरात्र नौ दिनों में दो अमृत सिद्धि, दो सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग रहेंगे फलदायी

शारदीय नवरात्र नौ दिनों में दो अमृत सिद्धि, दो सर्वार्थ सिद्धि, दो रवि योग रहेंगे फलदायी



भोपाल। शारदीय नवरात्रि में हर दिन कोई न कोई शुभ मुहूर्त के योग बन रहे हैं। इस वर्ष देवी दुर्गा का आगमन हाथी पर होगा और वापसी भैसे पर होगी। पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार शारदीय नवरात्र में घट स्थापना अमृत और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी। इस बीच दो अमृत व दो सर्वार्थ सिद्धि और दो रवि योग का संयोग बन रहा है। 

29 को शैलपुत्री पूजा और घट स्थापना, सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, 30 को ब्रह्मचारिणी देवी पूजा, इंद्र योग, 1 अक्टूबर को मां चंद्रघंटा की पूजा, सिंदूर तृतीया व रवियोग, 2 को मां कुष्मांडा पूजा, गणेश चतुर्थी, अमृत सिद्धि योग, रवि योग, 3 को मां स्कंद माता की आराधना, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवियोग 4 को मां कात्यायनी देवी की पूजा, रवियोग, 5 को कालरात्रि व सरस्वती पूजन, शोभनयोग, 6 को मां महागौरी पूजा, महाअष्टमी पूजा, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, 7 को मां सिद्धिदात्री पूजा, महानवमी पूजन, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और 8 अक्टूबर को दशहरा रहेगा।

देवी आगमन समृद्धिदायक, गमन व्याधियां लेकर जाएगा
देवी का आगमन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा पर 29 सितंबर को होगा और विदाई नवमीं सोमवार 7 अक्टूबर को होगी। जगदम्बा का आगमन समृद्धिदायक और गमन तमाम तरह की व्याधियों को साथ लेकर जाएगा, अर्थात आतंकवाद, महंगाई व भ्रष्टाचार आदि में कमी आएगी। 
दूसरी ओर शुभ योगों के चलते नवरात्र में वाहन, भूमि, भवन, ज्वेलरी आदि वस्तुओं की खरीदारी के अधिक दिन मिलेंगे, जो समृद्धिदायक रहेगी। 
आचार्य पं. धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार सालभर की दो गुप्त और दो प्रकट नवरात्रि से शारदीय नवरात्रि का महत्व गृहस्थ साधकों में ज्यादा रहता है। व्रत रखने के साथ ही नियमित पूजा-उपासना का सिलसिला नौ दिन चलता है। इस दौरान भूमि, भवन, ज्वेलरी वाहन अादि नए घरेलू सामान की खरीदारी शुभ रहेगी।

घट स्थापना कब करें- पं. रामजीवन दुबे के अनुसार 29 सितंबर को घट स्थापना के शुभ मुहूर्त इस प्रकार होंगे... सुबह 9.15 से दोपहर 12.20 बजे तक फिर दोपहर 1.45 से 3.15 बजे तक व गोधुलि बेला में शाम 6.15 से रात 9.45 बजे तक घट स्थापना होगी।

हस्त नक्षत्र में होगी शुरुआत : ज्योतिषी अंजना गुप्ता के अनुसार प्रतिपदा 28 सितंबर को रात 11.55 बजे से है, जो दूसरे दिन रविवार को रात 8.15 बजे तक रहेगी। हस्त नक्षत्र शाम 7.07 बजे तक रहेगा। प्रतिपदा तिथि पर हस्त नक्षत्र में शक्ति की स्थापना और साधना प्रारंभ करना शुभफलदायक होता है।

Leave a reply