हिंदी माध्यम के बच्चों को अंग्रेजी में प्रश्न पत्र हल करने के निर्देश
एलएलबी षष्ठम सेमेस्टर के विद्यार्थियों ने किया विक्रम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन-चेतावनी दी त्रुटियां नहीं सुधरी तो होगा उग्र आंदोलन, भोपाल में भी करेंगे प्रदर्शन
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित एलएलबी षष्ठम सेमेस्टर की शैक्षणिक सत्र 2018-19 की परीक्षा में 13 सितंबर को विधिक भाषा, विधिक लेखन एवं सामान्य अंग्रेजी का प्रश्न पत्र हुआ। जिसमें कई गंभीर त्रुटी के कारण छात्रों के समक्ष प्रश्न पत्र को हल करते समय भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई जिसके विरोध में बुधवार को छात्र-छात्राएं विक्रम युनिवर्सिटी पहुंचे तथा प्रदर्शन कर छात्रों के हित में इस गंभीर त्रुटि को सुधारने की मांग की।
शमशेर सिंह पंवार ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए विधिक भाषा के प्रश्न पत्र में हिंदी माध्यम के बच्चों से अंग्रेजी में प्रश्न पत्र हल करने के निर्देश दिये गये। पंवार ने कहा कि क्या विक्रम विश्वविद्यालय हिंदी विरोधी हो गया जो हिंदी की बजाय अंग्रेजी में प्रश्न पत्र हल करने को दिये जा रहे हैं। वहीं टंकण त्रुटियां, विधि त्रुटियों से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। इस प्रकार की गंभीर लापरवाहियों से एलएलबी के अंतिम सेमेस्टर में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ एवं छात्रों की भावनाओं पर कुठाराघात करने का कार्य विश्वविद्यालय द्वारा किया जा रहा है। बुधवार को एलएलबी सष्ठम सेमेस्टर के समस्त छात्रों ने कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की कि प्रश्न पत्र में हुई त्रुटियों के संबंध में छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए न्यायोचित कार्यवाही की जाए। साथ ही चेतावनी दी कि यदि प्रारूप में सुधार नहीं हुए और हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किये जायेंगे और भोपाल में भी प्रदर्शन किये जाएंगे।
यह रही खामियां
प्रत्येक सेमेस्टर में प्रत्येक प्रश्न पत्र में 10 प्रश्न दिये रहते हैं जिनमें विकल्प के रूप में कोई 5 प्रश्न हल करना होता है किंतु उपरोक्त वर्णित प्रश्नपत्र में मात्र 8 प्रश्न दिये गये एवं सभी प्रश्न को हल करने का निर्देश दिया गया।
प्रथम प्रश्न जो कि विधिक भाषा के संबंध में पूछा गया था उसमें हिंदी या अंग्रेजी में लिखने का कोई विकल्प नहीं दिया गया, जबकि प्रत्येक वर्ष विकल्प की व्यवस्था प्रश्न पत्र में होती है। जिस कारण से हिंदी माध्यम के छात्रों के समक्ष परीक्षा के दौरान भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। वहीं प्रश्नपत्र के प्रश्न क्रमांक 8 में पूछे गये लेटिन सूत्र भी त्रुटि पूर्ण थे।