धर्मेन्द्र शर्मा एडवोकेट का निलंबन आदेश निरस्त
बार काउंसिल आॅफ इंडिया की डिसिप्निरी कमेटी ने 2 मार्च को पारित आदेश किया निरस्त
उज्जैन। बार काउंसिल आॅफ इंडिया की डिसिप्लिनरी कमेटी ने घनश्याम पटेल पिता जयरामदास सिंधी द्वारा की गयी शिकायत के अंतर्गत अभिभाषक धर्मेन्द्र शर्मा की सनद का निलंबन करते हुए जो आदेश 2 मार्च को पारित किया था उसे अपने आदेश 31 अगस्त 2019 के द्वारा निरस्त कर दिया गया है।
घनश्याम पटेल (सिंधी) ने अभिभाषक धर्मेन्द्रकुमार शर्मा के विरूध्द व्यवसायिक कदाचरण की शिकायत मध्यप्रदेश बार काउंसिल को की थी जो कालांतर में बार काउंसिल आॅफ इंडिया को विचारार्थ अंतरित की गयी। शिकायत में धर्मेन्द्र शर्मा के विरूध्द अनेक फौजदारी मुकदमे पंजीकृत होने का उल्लेखकिया गया, जिसके संबंध में धर्मेन्द्र शर्मा ने कमेटी को ताया कि सभी प्रकरण घनश्याक पटेल की शिकायत पर झूठे कायम किये गये थे जिसमें से दो प्रकरणों के अतिरिक्त अन्य लगभग सभी प्रकरणों में उसे दोषमुक्त किया जा चुका है। धर्मेन्द्र शर्मा ने अपने निलंबन आदेश के विरूध्द कार्यवाही की थी जिसमें विचार करते हुए बार काउंसिल आॅफ इंडिया की डिसिप्लिनरी कमेटी ने पाया कि घनश्याम की रिपोर्ट पर 2009 में कायम किये गये फौजदारी प्रकरण में घनश्याम अदालत में बयान देने के लिए अदालत द्वारा वारंट किये जाने के बाद मार्च 2019 में अर्थात 10 वर्ष बाद उपस्थित हुए। इससे शिकायतकर्ता घनश्याम का उद्देश्य धर्मेन्द्र को परेशान करना प्रकट होता है। बार काउंसिल आॅफ इंडिया की डिसिप्लिनरी कमेटी ने गंभीरतापूर्वक प्रकरण में विचार करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुंचे की दंडनीय एवं वास्तविक तथ्यों के अभाव में धर्मेन्द्र शर्मा को अपने बचाव प्रस्तुत करने का अवसर दिये बगैर कमेटी द्वारा उसकी सनद निलंबित किये जाने का आदेश प्रदान नहीं किया जाना चाहिये था और प्रकरण के समस्त तथ्यों के प्रकाश में धर्मेन्द्र शर्मा द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र स्वीकार करते हुए कमेटी ने 31 अगस्त 2019 को 2 मार्च 2019 को दिया गयो निलंबन आदेश निरस्त कर दिया।