गीला-सूखा कचरा अलग एकत्र कर स्वच्छता सेवकों को सहयोग करने का दिलाया संकल्प
श्राद्ध पक्ष में सामूहिक तर्पण पिंडदान दौरान दिलाये संकल्प
उज्जैन। गाय के पोषण के लिए गौशाला के जीवनोपयोगी उत्पाद का संकल्प लें, कुत्ते के पोषण के संदर्भ में अपने सेवकों (विशेषतः घर में नित्य काम करने वाले ड्रायवर, झाड़ू पोछा, बर्तन आदि) के सुख-दुख में भागीदारी, कौआ मलीनता निवारक वृत्ति है अतः नगर की स्वच्छता में जुटे स्वच्छता सेवकों का सहयोग करना चाहिए। आज हम गीला-सूखा कचरा अलग-अलग एकत्र कर स्वच्छता सेवकों को सहयोग कर सकते हैं इसको तो करना ही है।
उक्त बात गायत्री शक्तिपीठ पर श्राद्ध पक्ष में सामूहिक तर्पण पिंडदान दौरान विवेक सम्मत दान प्रक्रिया की जानकारी देते हुए गायत्री परिवार प्रचार-प्रसार सेवक देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने श्रृद्धालुओं से कही। आपने श्रध्दालुओं को बताया कि पंचबली से अभिप्राय पांच प्रकार के सहयोगियों, उपकारियों को पोषित करना है। ब्रम्हभोज का क्रम सदसाहित्य के वितरण कर ज्ञान दान द्वारा कर सकते हैं। चींटियां श्रमशीलता की प्रतीक हैं इनके पोषण के लिए श्रम की महत्ता समझी जानी चाहिए। छोटे-मोटे काम स्वयं करें और श्रमिकों को उचित पारिश्रमिक देने के लिए संकल्पित हों। यहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने विवेक सम्मत दान प्रक्रिया के लिए संकल्प लिए जिनमें गौ मूत्र अर्क सेवन, सदसाहित्य वितरण, गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करने आदि प्रमुख थे।