एक दूसरे को गले लगाकर की क्षमायाचना
पर्वराज पर्युषण उपरांत हुआ क्षमावाणी का आयोजन-मुनिदीक्षा लेने वाले अंकित भैया तथा उपवास के तपस्वियों का हुआ बहुमान
उज्जैन। पर्वराज पर्युषण पर्व के समापन उपरांत रविवार को अतिशय श्री नेमीनाथ दिगंबर जैन मंदिर जयसिंहपुरा में सामूहिक क्षमावाणी का आयोजन हुआ। जिसमें बारिश के बावजूद भी बड़ी संख्या में जैन धर्मावलंबी उपस्थित हुए तथा गत वर्ष में जाने अनजाने में किये गये अपनी समस्त गलतियों के लिए सभी मनो मालिन्य को दूर करते हुए एक दूसरे से क्षमायाचना की।
नमकमंडी दिगंबर जैन मंदिर ट्रस्टी अनिल गंगवाल ने बताया कि रविवार को क्षमावाणी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में गुरू भगवंत आचार्य विशुध्दसागर महाराज के शिष्य अंकित भैयाजी जिनकी आगामी दिनों में मुनिदीक्षा होने वाली है का गोदभराई का कार्यक्रम संपन्न हुआ उनकी दीक्षा की अनुमोदना की गई। इसके अलावा 10 उपवास की कठिन आराधना करने वाले संजीव गंगवाल टोनी, निर्मला सेठी, रेणु कोठारी, रीता राहुल जैन, लता इंदरचंद जैन का समाज द्वारा शाल, श्रीफल, माला व प्रशस्ति पत्र भेंटकर बहुमान किया गया तथा अभिषेक की बोलिया लगाई गई। प्रथम स्वर्ण कलश शैलेन्द्र जितेन्द्र जायसवाल, द्वितीय स्वर्ण कलश कमलकुमार गंगवाल, प्रथम रजत कलश महावीर जैन गुनावाले, द्वितीय रजत कलश सुशील सेठी परिवार द्वारा लिये गये। इस अवसर पर मणिभद्र के चोले और प्रसाद का सौभाग्य अश्विन कासलीवाल को प्राप्त हुआ। दीक्षार्थी अंकित भैया के प्रवचन हुए और भिंड से पधारे प्रकांड विद्वान मनीष जैन टीकमगढ़ ने अभिषेक विधि व शांतिधारा संपन्न कराई। तत्पश्चात समग्र दिगंबर जैन समाज के उपस्थित महिला पुरूषों ने एक दूसरे से करबध्द होकर विगत वर्ष की गलतियों के लिए क्षमायाचना की। रात्रिकालीन सत्र में नमकमंडी जिनालय में आभार प्रदर्शन और सामूहिक क्षमावाणी का कार्यक्रम संपन्न हुआ।