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जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कुलकर्णी द्वारा नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया



40 से अधिक खण्डपीठों के माध्यम से हुआ प्रकरणों का निराकरण
उज्जैन | राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नईदिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार उज्जैन के जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री एसकेपी कुलकर्णी द्वारा शनिवार 14 सितम्बर को नेशनल लोक अदालत का शुभारम्भ किया गया।
   इस दौरान विशेष सत्र न्यायाधीश एवं संयोजक लोक अदालत श्री व्हीके पाण्डेय, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री रघुवंशी, जिला न्यायालय के सभी न्यायाधीश, अभिभाषक संघ के अध्यक्ष श्री अशोक यादव, बार काउंसिल के सदस्य श्री प्रताप मेहता, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री पदमेश शाह, जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री दिलीपसिंह मुझाल्दा, रजिस्ट्रार श्री पाण्डेय, सचिव श्री प्रकाश चौबे, अभिभाषक पं.राजेश जोशी एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
   मां सरस्वती और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारम्भ किया गया। पं.राजेश जोशी द्वारा विधिवत पूजन करवाया गया। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कुलकर्णी ने नेशनल लोक अदालतों को देश की प्रगति में सहायक बताते हुए कहा कि न्यायालय में उपलब्ध जनशक्ति की तुलना में न्यायाधीशों और अधिकारियों की संख्या अत्यन्त कम है। नेशनल लोक अदालत में निस्तारण होने योग्य वादों को अधिक से अधिक संख्या में निस्तारित करके हम न सिर्फ न्यायालयों में लम्बित मुकदमों की संख्या कम कर पायेंगे, बल्कि वादकारियों को भी लम्बी न्यायिक प्रक्रिया से राहत मिलेगी। इससे निश्चित रूप से राष्ट्र का उत्थान होगा।
   उल्लेखनीय है कि शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में 40 से अधिक खण्डपीठों के माध्यम से प्रकरणों का राजीनामा कर ज्यादा से ज्यादा प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, बैंक रिकवरी, प्रीलिटिगेशन आदि प्रकरणों का निराकरण किया गया।
   इसके अलावा प्रीलिटिगेशन अन्तर्गत चेक बाउंस के प्रकरण, बैंक वसूली, दूरसंचार के बकाया बिलो के मामले, श्रम विवाद, जलकर, ऋण वसूली, राजीनामा योग्य दाण्डिक मामले, धारा-138 एनआईटी एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस, विद्युत अधिनियम के शमनीय मामले, सभी दीवानी, मोटर दुर्घटना मामले, भू-अर्जन, पारिवारिक विवाद सम्बन्धी मामलों का निराकरण आपसी समझौते से किया गया।

    नेशनल लोक अदालत में विद्युत विभाग द्वारा लंबित प्रकरणों जिनमे निम्नदाब श्रेणी के समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवॉट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्वशक्ति भार तक के औद्योगिक उपभोक्ताओं को छूट दी गई।
    नेशनल लोक अदालत मे उज्जैन नगर पालिका निगम द्वारा सभी 6 झोनों पर विशेष शिविर लगाये जाकर संपत्ति कर, जल कर आदि के अधिभार की राशी में विशेष छुट प्रदान की गई।
    दूरसंचार विभाग के बकाया बिलों का निपटान भी इस दौरान आपसी समझौत के माध्यम से किया गया।               

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