top header advertisement
Home - उज्जैन << मेरे जीवन में ऐसी भावना जागृत हो कि सारी मालीनता दूर हो जाए-प्रभा दीदी

मेरे जीवन में ऐसी भावना जागृत हो कि सारी मालीनता दूर हो जाए-प्रभा दीदी



एक दूसरे से गले मिल मनाया क्षमावाणी पर्व
मुनि प्रज्ञा सागर जी महाराज का लाइव प्रवचन भी हुआ जिसमें उन्होंने सबको क्षमा सबसे क्षमा कहा
उज्जैन। हे भगवान! मैंने पर्युषण पर्व मनाते हुए दसलक्षण को अपने जीवन में अपनाया है। मेरे अंदर ऐसी भावना जागृत कर दो कि मेरे जीवन की सारी मलिनताएं समाप्त हो जाएं। जैन श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को महावीर तपोभूमि पर प्रभा दीदी ने प्रवचन में कहा सभी लोगों ने पूजा-अर्चना करते पर्युषण पर्व के समापन पर सामूहिक पूजन एवं वार्षिक शांति धारा अभिषेक किए। खराब मौसम के बावजूद श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा गया।
ट्रस्ट के सहसचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि श्री महावीर तपोभूमि में  झमाझम बारिश के बीच संपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किए गए  बैंड बाजे और  ढोल धमाकों के साथ  श्री जी को चांदी के रथ पर विराजित कर  श्री महावीर तपोभूमि तिराहे तक और तिराहे से पुनः महावीर तपोभूमि  कार्यक्रम पंडाल स्थल  तक धूम धाम से नाज गाते हुए निकले सभी एक जैसी वेशभूषा में पुरुष श्वेत वस्त्र में तो महिलाएं केशरिया साड़ी में निकले जिसमें सर्वप्रथम  108  धर्म ध्वजा के साथ  समाज जन चल रहे थे कार्यक्रम स्थल पर  सर्वप्रथम  श्रीजी के अभिषेक  शांति धारा स्वर्ण कलश से हुआ के पश्चात  प्रभा दीदी के प्रवचन  जिला प्रशासन की ओर से  क्षमावनी महापर्व पर  एडीएम  आरपी तिवारी जी का उद्बोधन और उन्होंने भी समाज की तरह प्रशासन की ओर से एक दूसरे से क्षमा मांगी एवं सभी  10  निर्जला उपवास करने वाले  श्रावको का सम्मान  प्रभा दीदी का सम्मान  अंजू दीदी का सम्मान  पंडित श्रयश जैन का सम्मान  एवं एडीएम साहब का सम्मान भी किया गया  तत्पश्चात संपूर्ण शिविरार्थीयों को  शाल श्रीफल से सम्मान कर सम्मान पत्र दिया गया उसी के साथ संपूर्ण समाज मैं क्षमा पर्व प्रारंभ हुआ सभी ने एक दूसरे से गले मिलकर क्षमा मांगी तत्पश्चात संपूर्ण समाज का वात्सल्य भोज हुआ।
संपूर्ण कार्यक्रम में लोगों का बड़ा उत्साह था दिगंबर संप्रदाय का पर्युषण पर्व 3 सितंबर को चालू हुआ था जो 12सितंबर को समाप्त हुआ।
तपोभूमि में मना क्षमावाणी पर्व
उज्जैन। जैनियों के प्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र श्री महावीर तपोभूमि में शुक्रवार को क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इस दौरान विभिन्न मंदिरों में पूजा-अर्चना की गयी। साथ ही लोगों ने आपस में गले मिलकर जाने-अनजाने हुई गलतियों को लेकर क्षमा मागी। एक-दूसरे से क्षमा मागने का सिलसिला दोपहर से देर शाम तक चलता रहा। प्रत्येक वर्ष पर्युषण पर्व के समापन के प्रथम दिन इसे मनाया जाता है। दिगंबर संप्रदाय की ओर से शुक्रवार को पूरे उत्साह से क्षमावाणी पर्व मनाया गया। इस दौरान लोगों ने दूरभाष पर भी अपने रिश्तेदारों एवं दोस्तों से क्षमा मागी। दूसरी ओर विभिन्न स्थानों पर मुनियों ने क्षमावाणी का महत्व बताया। तपोभूमि प्रणेता  मुनि श्री प्रज्ञा सागर जी महाराज ने कहा कि क्षमावाणी को हमें अपने जीवन में समाहित करना चाहिए। जब तक क्षमा का भाव हमारे अंतर में घुलमिल नहीं जाता तब तक हम किसी से भी क्षमा मागने को तत्पर नहीं रह पाएंगे। महाराज श्री का प्रवचन तपोभूमि पर लाइव प्रसारित किया गया मुनिश्री ने कहा कि मैं भी सबसे क्षमा सबको क्षमा जय गुरुदेव जय महावीर कहता हूं और हरदम कहता हूं सबसे क्षमा मांगता हूं और सबको छमा करता हूं एवं मुनि श्री ने सभी को आशीर्वाद भी दीया।
10 लक्षण धर्म के  पश्चात वार्षिक कलश  जो कि प्रति वर्ष सोने के कलश से होते हैं प्रथम कलश विमल पुष्पराज जैन सुगंधित कलश मंजू जिनेश जैन इंदौर शांति धारा धर्मचंद पाटनी भगवान महावीर स्वामी के चरणों में रखी हुई माल की माला रूपेंद्र विजेंद्र धर्मेंद्र धीरेंद्र सेठी को प्राप्त हुई और दूसरी स्नेह लता श्रवण कुमार सोगानी सोनिया जैन एवं रजत कलश ओम जैन बसंत जैन हेमंत गंगवाल वीरसेन जैन ने की है संपूर्ण लोगों का सम्मान ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष अशोक जैन चायवाला अध्यक्ष कमल मोदी सचिव दिनेश जैन सुपर फार्मा कोषाध्यक्ष इंदर मल जैन शिविर संयोजक रमेश एकता सारिका जैन गिरीश बिलाला प्रज्ञा कला मंच के अध्यक्ष सुलोचना सेठी अंजू ओम जैन आदि ने किया विशेष रुप से राजेंद्र लुहाडिया दीपक जैन संजय जैन मोनिका सेठी अंजू गंगवाल सिम्मी जैन मीना जैन ज्योति जैन चंदा बिलाला आदि लोग मौजूद थे।

Leave a reply