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बिना पंजीयन के कोई भी दुकानदार पालतू पशु का विक्रय न करे -कलेक्टर



पशु क्रूरता निवारण समिति की पहली बैठक आयोजित
उज्जैन | कलेक्टर श्री शशांक मिश्र की अध्यक्षता में बुधवार को सिंहस्थ मेला कार्यालय के सभाकक्ष में पशु क्रूरता निवारण समिति की पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक में पशु क्रूरता निवारण समिति द्वारा नगर निगम क्षेत्र उज्जैन में पशु क्रूरता निवारण (पालतू पशु दुकान) अधिनियम-2018 लागू किये जाने पर विचार-विमर्श किया गया।
    उल्लेखनीय है कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960 (1960 का 59) की धारा-38 की उपधारा-1 की अपेक्षा अनुसार पशु क्रूरता निवारण नियम-2018 का प्रारूप भारत के राजपत्र असाधारण भाग-1 खण्ड-3 उपखण्ड-1 6 सितम्बर 2018 के द्वारा प्रकाशित किया गया है। इस नियम के अन्तर्गत पालतू पशु जैसे कुत्ता, बिल्ली, खरगोश, गिन्नी पिग, हेमस्टर, चूहे, मूषक तथा पिंजरा बन्द पक्षी इत्यादि की कोई विक्रेता दुकान लगाता है, तो उसे उस दुकान का पंजीयन कराना जरूरी होगा। पंजीयन प्रमाण-पत्र जारी होने से पांच वर्ष तक विधिमान्य होगा और नवीनीकरण आवेदन पंजीयन समाप्त होने के 30 दिन पूर्व प्रस्तुत किया जा सकेगा। पंजीयन के लिये उप संचालक कार्यालय पशुपालन विभाग में पशु क्रूरता निवारण समिति के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। पंजीयन का शुल्क पांच हजार रुपये होगा और पांच वर्ष बाद नवीनीकरण हेतु भी पांच हजार रुपये शुल्क होगा।
    बैठक में जानकारी दी गई कि उक्त अधिनियम मप्र के इन्दौर सहित कुछ अन्य जिलों में लागू हो चुका है। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने पूछा कि उज्जैन शहर के पालतू पशुओं की कितनी दुकानें हैं। इस पर जानकारी दी गई कि वर्तमान में उज्जैन शहर में तकरीबन पांच से छह पालतू पशुओं की दुकानें हैं। कलेक्टर श्री मिश्र ने कहा कि बिना पंजीयन के कोई भी दुकानदार पालतू पशुओं का विक्रय नहीं करेगा। पशुओं की देखभाल के लिये एक निर्धारित प्रारूप में चेकलिस्ट बनाई जाये, जो समस्त दुकानदारों में वितरित की जाये।
    बैठक में कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जो पालतू पशु दुकान के मालिक पंजीयन न करायें, उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाये। बैठक में आवारा पशुओं के विस्थापन पर चर्चा के दौरान जानकारी दी गई कि आवारा पशु (गायों) के लिये नगर निगम द्वारा कपिला गौशाला संचालित है। कलेक्टर श्री मिश्र ने उप संचालक पशुपालन को आवारा पशुओं के विस्थापन के लिये एक नजदीक में अलग युनिट बनाने के लिये कहा। साथ ही उन्होंने निर्देश दिये कि कपिला गौशालाओं में पशु चिकित्सकों की टीम तैनात की जाये, ताकि आवारा पशुओं की उचित देखभाल हो सके। जो मालिक अपने पालतू पशुओं को सड़क पर खुला छोड़ते हैं, उन पर भारी-भरकम जुर्माना लगाये जाने के निर्देश कलेक्टर द्वारा दिये गये।
    बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ.एचव्ही त्रिवेदी, निजी गौशालाओं के प्रबंधक, अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति श्री किशोर शर्मा, जिला पशु चिकित्सालय माधव नगर के डॉ.मुकेश जैन, डॉ.व्हीके बर्वे और अन्य सदस्यगण शामिल थे।

 

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