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एमएसएमई के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए रैम्प योजना के तहत उज्‍जैन में कार्यशाला का आयोजन


उज्‍जैन- जिले के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से रेजिंग एंड एक्सलेरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) योजना के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन होटल सुराना उज्‍जैन में किया गया। इस कार्यशाला में जिले के विभिन्न उद्योग संघों ने सक्रिय भागीदारी की। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ज़ीरो डिफेक्ट ज़ीरो इफेक्ट (ZED) योजना, लीन मैन्युफैक्चरिंग प्रतिस्पर्धात्मकता योजना (LMCS), बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR), और व्यापार प्राप्य इलेक्ट्रॉनिक डिस्काउंटिंग सिस्टम (TREDS) के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यशाला की शुरुआत जिले के उद्योगपति एवं नगर अध्‍यक्ष भाजपा श्री संजय अग्रवाल के द्वारा जिले के उद्योगो एवं बढते औद्योगिक परिदृश्‍य पर प्रकाश डाला गया, तत्‍पश्‍चात जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र, उज्‍जैन, महाप्रबंधक अतुल बाजपेई ने अपने संबोधन में रैम्प (RAMP) योजना के उद्देश्य, मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका और इसमें स्थानीय उद्योगों के लिए संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण सत्र

राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद के विशेषज्ञ श्री सरोज जेना ने लीन मैन्युफैक्चरिंग प्रतिस्पर्धात्मकता योजना (LMCS) पर एक विशेष सत्र का संचालन किया। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से एमएसएमई अपने उत्पादन की दक्षता को बढ़ा सकते हैं और लागत को कम कर सकते हैं। उन्होंने इस योजना के तहत प्राप्त होने वाली सरकारी सहायता और सब्सिडी की भी जानकारी दी। बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) पर डॉ. अजय चौबे ने सत्र का संचालन किया, जिसमें उन्होंने पेटेंट, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट और डिज़ाइन से संबंधित प्रक्रियाओं की जानकारी दी। उन्होंने उद्योगपतियों से बौद्धिक संपदा के संरक्षण पर विशेष ध्यान देने की अपील की, ताकि उनके उत्पाद और सेवाएं कानूनी रूप से सुरक्षित रह सकें। इसके पश्चात, ज़ेड (Zero Defect Zero Effect) योजना के विशेषज्ञ श्री वी.पी. शर्मा ने इस योजना के लाभों और क्रियान्वयन पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि ज़ेड सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से उद्योगों की गुणवत्ता और पर्यावरणीय प्रभाव में सुधार होगा। उन्होंने स्थानीय उद्यमियों से ज़ेड सर्टिफाइड बनने का आग्रह किया और इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया की जानकारी भी साझा की। कार्यशाला की उपलब्धियां और सहभागिता इस कार्यशाला में उज्‍जैन के जनप्रतिनिधि, प्रमुख उद्योगपतियों, जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के अधिकारियों, विभिन्न उद्योग संघों, अन्‍सर्ट एंड यंग (EY) की टीम और उद्यमियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने इस कार्यशाला को एमएसएमई के विकास के लिए अत्यंत लाभकारी बताया। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने ज़ेड सर्टिफिकेशन, लीन मैन्युफैक्चरिंग और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों पर खुली चर्चा की। प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए, ताकि उद्योग जगत को सरकारी योजनाओं की अद्यतन जानकारी मिल सके और वे अधिक प्रभावी ढंग से इनका लाभ उठा सकें। उद्योग जगत के लिए भविष्य की दिशा कार्यशाला के अंत में जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र, के महाप्रबंधक श्री अतुल बाजपेई ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और एमएसएमई के उन्नयन में सहयोग की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उद्योगों से आग्रह किया कि वे सरकार की इन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाई पर ले जाएं।इस एक दिवसीय कार्यशाला ने उज्‍जैन जिले के एमएसएमई क्षेत्र में जागरूकता और नई संभावनाओं का मार्ग प्रशस्त किया। प्रतिभागियों ने ज़ेड, लीन और आईपीआर जैसी योजनाओं को आत्मसात कर अपने उद्योगों को नई दिशा देने का संकल्प लिया।

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