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डोल ग्यारस के अवसर पर सोमवार की रात को झिलमिल झाकियों का कारवां निकला


उज्जैन। डोल ग्यारस के अवसर पर सोमवार की रात को झिलमिल झाकियों का कारवां निकला। जिसे देखने के लिए शहर के लोग बढ़ी संख्या में उमड़े इस दौरान राष्ट्रीय व धार्मिक झांकियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। मोहल्लों व पंचायतों की राष्ट्रीय व धार्मिक विषयों पर आधारित रोशनी से झिलमिल झांकियां निहारने बड़ी संख्या में लोग उमड़े। 
डोल ग्यारस के अवसर पर सोमवार रात आकर्षक झिलमिलाती झांकियों का कारवां निकला। भक्तगण नाचते-गाते हुए सोलह सागर पहुंचे, जहां माता यशोदा और बाल गोपाल भगवान श्रीकृष्ण की आरती-पूजा की गई। फूलडोल चल समारोह में बैरवा समाज की विभिन्न इकाइयों के डोल अलग-अलग क्षेत्रों से निकाले गए। वहीं राष्ट्रीय व धार्मिक झांकियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। विभिन्न मोहल्लों व पंचायतों की राष्ट्रीय व धार्मिक विषयों पर आधारित रोशनी से झिलमिल झांकियां निहारने बड़ी संख्या में लोग उमड़े। टॉवर चौक पर विभिन्न संगठनों द्वारा निकाले गए अखाड़ों के खलिफाओं और झांकी निर्माताओं का सम्मान किया गया। बैरवा समाज का फूलडोल चल समारोह कृष्णपुरा से प्रारंभ हुआ, जो अंकपात सोलह सागर पहुंचकर पूजन के बाद संपन्न हुआ। चल समारोह तीन बत्ती चौराहा, टॉवर, चामुंडा माता चौराहा से होता हुआ सोलह सागर पहुंचा। इसके अलावा किशनपुरा, आंबापुरा, अशोकनगर, पंवासा, हीरा मिल की चाल, हाथीपुरा, नारायणपुरा, बागपुरा, प्रकाशनगर, विष्णुपुरा आदि स्थानों से झिलमिलाती झांकियां, रास मंडलियों व अखाड़ों के साथ निकाली गई। अभा संयुक्त बैरवा महासभा द्वारा विभिन्न क्षेत्रों से डोल और आकर्षक झांकियां निकाली गई। रातभर ये सिलसिला चला।  फूलडोल चल समारोह में अखाड़ों के खलीफाओं को सम्मानित किया गया। शहर में अनेक स्थानों पर पर मंच बनाकर पुष्पवर्षा कर अखाड़ों के उस्तादों को साफा बांध सम्मान किया गया।

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