दगा देने वाले व्यक्ति का सब कुछ बर्बाद हो जाता है - मुनि श्री मार्दव सागरजी
पर्युषण पर्व- तृतीय दिवस- उत्तम आर्जव धर्म
यतन पूर्वक चलना बोलना खाना बैठना उठना सोना करना चाहिए -प्रभा दीदी
उज्जैन।।पर्युषण पर्व दि 5ध्9ध्19 को उत्तम आर्जव धर्म पर मुनिश्री मार्दवसागरजी अपने प्रवचन में उपदेशित किया कि दगा देने वाले व्यक्ती का घर परिवार सब बरबाद हो जाता है। कपटी व्यक्ती कपट की लपट में धुलसता रहता हैं। हमें मुंह में राम बगल में छुरी नहीं रखना है। मायाचारी व्यक्ती पीठ पीछे बुराई करता है। लोगो को ऐसे व्यक्ती जल्दी समझ में आ जाते है ओर लोग जल्दी ही उनसे किनारा भी कर लेते है।
मायाचारी करने से तिर्यंच गति का बंध होता है। आज का दिन सरल होने का दिन है। क्रोध, मान, माया का त्याग अगर हम करेंगे तो माया का त्याग अपने आप खत्म हो जाता है। मगर व्यक्ती निरंतर झुठ का सहारा लेकर मायाचारी करते रहता है। ज्यादा पढा लिखा, ज्यादा मायाचारी करता है। मायाचारी करके कमाई, सम्पत्ति एक न एक दिन मालूम पड ही जाती है। वह बाद में बर्बादी का कारण बनती है। गांधीजी अपरिग्रह वादी थे। उनमें एक धोती लंगोटी में अपना जीवन व्यतित कर जिया था।
हिन्दुस्थान का नाम नेताओ प्छक्प्। कर दिया प्छक्प्। । भारत वर्ष का नाम भरत राजा के नाम से पडा था। शाकाहारी व्यक्ती में मायाचारी कम होती है। मांसाहारी व्यक्ती दिन दुनी रात चैगुनी कमाई करने की सोचता है। वह हमेशा 99 के फेर में पडा रहता है। चोरी , झुठ फरेब धोखाघडी सरकार से भी टैक्स भी चोरी करता है।
शेर मांसाहारी होता है। वह हमेशा घात लगातार हमला करता है। शाकाहारी में ताकत एवं वृध्दी दोनो अधिक होती है। उसमें अपेक्षाकृत बुध्दी भी अधिक होती है।चाणक्य अपरिग्रह वादी था। मंत्री होकर भी झोपडी में रहता था। उससे मिलकर लोग आनन्दित होते थे। वे नीति शास्त्र के विद्वान थे।
आज व्यक्ती पढाई कम करते है, बुराई ज्यादा ढूंढते है। आलोचक बन गये है। हमें आज के दिन अपने अंदर जो बुराईयां भरी है उन्हें निरंतर कम करना चाहिये तथा सत्य अहिंसा क्षमाशील विवेकशील आदि गुण अपने आपमें धारण करना चाहिये या इन्हें बढाना चाहिये।
जिंदगी में हमें जैन धर्म कुल, जैन परम्परायें मिली है तो उसका जीवन में अनुसरण करना चाहिये। मरने से डरना नहीं चाहिये। काला बनकर नहीं जीना चाहिये। दुध का उदाहरण देते हुये उन्होने कहा कि दुध जैसा सरल होना चाहिये। भक्ती के जीवन में दुध का बहुत महत्व है। बचपन से लेकर समाधि अंत तक भी दुध व्यक्ती का सहारा रहता हैं।
इसिलिये हमें गौ पालन करने की, गायों को निरंतर संरक्षण देना चाहिये। यदि सच्चे अर्थो में धोखाघडी, फरेब, झुठ, दूर कर देंवे तो धर्म का सच्चा स्वरुप सामने आ जावेगा। यह सब बाद आज मुनिश्री मार्दव सागर जी महाराज ने शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर बोर्डिंग में अपने प्रवचन के माध्यम से कई बोर्डिंग मंदिर के अध्यक्ष इंदर चंद जैन महेंद्र लुहाडिया हीरालाल बिलाला ललित जैन
श्रावक संस्कार शिविर में तपोभूमि में आज प्रभा दीदी
उज्जैन।।श्री महावीर तपोभूमि में गुरुवार को श्रावक संस्कार शिविर में प्रभा दीदी ने अपने प्रवचन के माध्यम से कहा आचार्य कुंदकुंद ने भगवान से पूछा कि मनुष्य को किस प्रकार रहना चाहिए तो ग्रंथों में उल्लेख आया जी मनुष्य को यतन पूर्वक चलना चाहिए यतन पूर्वक बोलना चाहिए यतन पूर्वक भोजन करना चाहिए एवं यतन पूर्वक उठना बैठना सोना चाहिए और कहा कि मनुष्य में 9 गुण होते हैं यदि उन दो गुणों को मनुष्य जीत लेता वह संसार के भवसागर से पार कर सकता है पहला चरण नववर्ष में और दूसरा चरण 18 वर्ष में प्रारंभ होता है ऐसे क्रमशः प्रत्येक चरण में मनुष्य को अपने संपूर्ण कार्य करते हुए अपने एवं अपने परिवार समाज माता पिता राष्ट्र एवं धर्म के लिए प्रत्येक चरण में काम करना आवश्यक होता है वही मनुष्य संसार का सर्व श्रेष्ठ मनुष्य कहलाता है ट्रस्ट के सहसचिव डॉ सचिन कासलीवाल ने बताया कि
शिविर में विराजमान चैत्यालय मैं विराजमान श्री 1008 आदिनाथ भगवान की शांति धारा करने का सौभाग्य अजय कुमार मलजी पांड्या इंदौर को प्रथम कलर्स करने का मोतीरानी वीरसेन जैन एवं सुगंधित अभिषेक करने का प्रकाश चंद मनीष कुमार जैन जयसिंहपुरा को,सुनील ट्रांसपोर्ट, धर्मचंद पाटनी अतुल सोगानी ,राजेंद्र लुहाड़िया,वीर सेन जैन,सोहन लाल जैन,रमेश जी मीना एकता को प्राप्त हुआ एवं शिविर के भोजन की व्यवस्थाओं का लाभ श्रीमती स्नेह लता सोगानी एवं सोगानी परिवार को प्राप्त हुआ विशेष रूप से सहयोगी ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल मोदी सचिव दिनेश चयन सुपर फार्मा कोषाध्यक्ष इंदर मल जैन उपाध्यक्ष विमल जैन पुष्पराज जैन सुलोचना सेठी अंजू ओम जैन धर्मेंद्र सेठी सोनिया जैन मोनिका सेठी अंजू हेमंत गंगवाल सागर जैन आदिनाथ ग्रुप के सदस्य आदि लोगों का विशेष सहयोग रहा आज शुक्रवार को उत्तम शौच धर्म की पूजा होगी