मानस भवन के रचियता डाॅ. जोशी को पुष्पांजलि अर्पित
उज्जैन। मानस भवन के रचियता, समाजसेवी एवं शिक्षाविद डाॅ. सुखनंदन जोशी की आठवीं पुण्यतिथि पर क्षीरसागर स्थित मानस भवन पर पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया।
सभा में मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. शिव चैरसिया, सारस्वत अतिथि डाॅ. हरिमोहन बुधोलिया रहे। अध्यक्षता स्वतंत्रता संग्राम सेनानी अमृतलाल अमृत ने की। संचालन डाॅ. जफर मेहमूद ने किया एवं आभार डाॅ. दिनेश सुखनंदन जोशी ने माना। इस अवसर पर वेदप्रकाश शर्मा, अजयकुमार शर्मा, पं. संतोष शर्मा, डाॅ. सुरेश मकवाना, डाॅ. रफीक नागौरी मौजूद रहे। सभा में पुष्पांजलि अर्पित करते हुए डाॅ. शिव चैरसिया ने कहा कि कठोर परिश्रम और मिलनसारी व्यक्तित्व के धनी डाॅ. सुखनंदन जोशी अच्छे शिक्षक के साथ अच्छे समाजसेवी भी थे। शिक्षकों और विद्यार्थियों में उनकी गहरी पेठ थी, यश के शरीर में वह विराजमान हैं। डाॅ. हरिमोहन बुधोलिया ने कहा कि शिक्षकों के लिए संघर्ष करने वाले डाॅ. जोशी आदर्श शिक्षक एवं समाजसेवी थे। वे उत्तम कोटी के संपर्क से उत्तम आदमी बने। पहली बार मुरारी बापू के दर्शन उन्होंने मानस भवन में करवाए थे, रमेशभाई ओझा, भानपुरा पीठ के शंकराचार्य, दिव्यानंद तीर्थ को भी वे मानस में लाते रहे। अध्यक्षता कर रहे अमृतलाल अमृत ने कहा कि उजजैन के विकास में डाॅ. जोशी की महती भूमिका रही। इस मौके पर संबोधित करते हुए डाॅ. मुन्नीलाल शर्मा ने कहा कि सादा जीवन उच्च विचार वाले शिक्षक डाॅ. जोशी को समाजसेवा में समाज को संगठित करना आता था। धर्म के उपदेशों को जन-जन तक डाॅ. जोशी ने पहुंचाया।