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दूध एवं दूध से बने अन्य पदार्थों के विरूद्ध हुई कार्यवाही के प्रकरणों में जांच तेजी से की जाये - कमिश्नर



कमिश्नर ने आरबीसी 6-4 के प्रकरणों में प्राथमिकता से हितग्राहियों को राहत राशि मुहैया कराने के दिये निर्देश 
उज्जैन | उज्जैन संभाग कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने आज संभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे गत वर्ष एवं इस वर्ष दूध एवं दूध से बने अन्य पदार्थों के विरूद्ध हुई कार्यवाही के प्रकरणों की जांच में तेजी लायें एवं अमानक पाये गये प्रकरणों में प्राथमिकता से पैनाल्टी लगाने की कार्यवाही करें। जिन प्रकरणों में सजा का प्रावधान है, उन प्रकरणों में सम्बन्धित के विरूद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कमिश्नर ने कहा कि स्वयं मुख्य सचिव इसकी निरन्तर मॉनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर्स समय-सीमा की बैठक में पुराने एवं नये प्रकरणों में अब तक हुई कार्यवाही की समीक्षा करें। उल्लेखनीय है कि खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत पदार्थों के जो मानक नमूने लिये गये थे, उसके तहत उज्जैन जिले में दूध के एवं दूध से बने पदार्थों के 73 सेम्पल लिये गये थे। जिनमें 15 प्रकरणों में रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, पांच प्रकरण अमानक स्तर के पाये गये हैं। कलेक्टर श्री शशांक मिश्र ने बताया कि गत वर्ष एवं इस वर्ष के संयुक्त प्रकरण में लगभग सम्बन्धित के विरूद्ध 22 लाख रुपये की राशि की पैनल्टी लगाई गई है। शाजापुर में 31 प्रकरण में सेम्पल लिये गये थे। इनमें एक लाख सात हजार रुपये की राशि का अर्थदण्ड लगाया गया है। एडीएम एवं डीजे कोर्ट में कुछ प्रकरणों की सुनवाई चल रही है। देवास में 130 प्रकरणों में से 17 प्रकरण की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, जिनमें सात सेम्पल अमानक पाये गये हैं। नये पुराने 26 प्रकरणों में 19 लाख रुपये की पैनाल्टी दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध लगाई गई है। रतलाम में 15 सेम्पल लिये गये थे, जिसमें 14 सेम्पल की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है, चार अमानक प्रकरण में तीन लाख 10 हजार रुपये की राशि पैनाल्टी के रूप में वसूली जा चुकी है। नीमच में दूध के 26 सेम्पल लिये गये थे, जिनमें चार अमानक पाये गये हैं। इसमें कार्यवाही की जा रही है।
    कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने जिले में सोयाबीन में हुए नुकसानी का आंकलन करके उन्हें वर्तमान स्थिति से अवगत करायें। कमिश्नर ने आरसीएमएस के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने संभाग में लम्बित दो वर्ष से पांच वर्ष तक के राजस्व प्रकरणों में तेजी से कार्य करने एवं प्रकरणों का निराकरण करने के निर्देश दिये। उल्लेखनीय है कि संभाग में ऐसे 65 प्रकरण लम्बित हैं। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि धारा 178 के प्रकरणों को छोड़कर हर धारा के प्रकरण में जिला स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकती है। उन्होंने धारा-5 के प्रकरणों में धीमी गति से हो रही कार्यवाही पर नाराजगी व्यक्त की। कमिश्नर ने रीडर एवं पीओ के पास लम्बित आवेदनों की भी समीक्षा की। कमिश्नर श्री अजीत कुमार ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि वे अपने अधीनस्थ एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार को निर्देशित करें कि वे नियमित रूप से अपनी कोर्ट में बैठकर राजस्व प्रकरणों का निराकरण करें। उन्होंने कहा कि हर राजस्व अधिकारी का दो वर्ष पुराना राजस्व प्रकरण निकलवा कर उसकी समीक्षा कलेक्टर करें। कलेक्टर आरसीएमएस के पुराने प्रकरण, धारा-110, 248, 250, 131 के प्रकरणों की प्राथमिकता से समीक्षा कर उसका निराकरण सुनिश्चित करें।
    कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि वे राजस्व वसूली के प्रकरणों में तेजी लायें एवं आरबीसी 6-4 के प्रकरण प्राथमिकता से निराकृत करें। आरबीसी 6-4 में पशुधन हानि एवं आकस्मिक मृत्यु के प्रकरणों को प्राथमिकता से देखते हुए नुकसान का आंकलन कर हितग्राहियों को राहत राशि देना सुनिश्चित करें। कलेक्टर्स अपनी समय-सीमा की बैठक में भी आरबीसी 6-4 के प्रकरणों की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने मंदसौर से निकलने वाले दिल्ली-बड़ौदा मार्ग के प्रोजेक्ट में समाधानकारक कदम उठाने के निर्देश सम्बन्धित कलेक्टर को दिये।
    वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान जिले के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, अपर कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता, डिप्टी कमिश्नर राजस्व श्री एसएस भण्डारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद थे।

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