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कोई कमजोर है तो उसका सहयोग कर ऊंचा उठाओ, यह भी हमारा कर्तव्य है



पर्युषण के प्रथम दिन साध्वी चारुदर्शा श्रीजी मसा ने समझाई साधार्मिक भक्ति और अमारी प्रवर्तन कर्तव्य 
उज्जैन। शास्त्रों में साधार्मिक की भक्ति का विशेष महत्व बताया गया है। लेकिन आज की स्थिति कुछ और ही हो चली है। लोग साधार्मिक तो ठीक सगे संबंधियों से ही कई बार मुंह फेर लेते हैं। कोई कमजोर है तो उसका सहयोग कर ऊंचा उठाओ, यह भी हमारा कर्तव्य है।
पर्युषण के प्रथम दिन सोमवार को श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी खाराकुआ मंदिर पर साध्वी चारुदर्शा श्रीजी मसा ने साधार्मिक भक्ति और अमारी प्रवर्तन कर्तव्य के बारे में विस्तार से समझाया। साथ ही उन्होंने कहा कि सांसारिक सुख धन-संपत्ति दौलत के लिए हम पूरे साल काम करते हैं लेकिन पर्यूषण पर्व हमें यह प्रेरणा देता है कि इन सब से दूर होकर केवल हम धर्म तप और स्वाध्याय की पूंजी एकत्रित करें। पर्यूषण पर्व के दौरान सभी श्वेतांबर जैन समाज जन नित्य पूजा, प्रतिक्रमण रात्रि भोजन पूर्ण त्याग व हरी सब्जियों का त्याग करते हैं। पर्यूषण पर्व के चलते सभी श्वेतांबर जैन मंदिरों में आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है शाम को प्रभु की अंग्रेज चना के साथ भक्ति कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। पेढ़ी ट्रस्ट सचिव जयंतीलाल जैन तेलवाला के अनुसार मंगलवार सुबह 6.30 बजे प्रतिक्रमण होगा। इसके उपरांत प्रभु का स्नात्र पूजन और फिर 9.30 बजे से कल्पसूत्र आधारित प्रवचन होंगे।

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