भाई को राखी बांधते समय पूजा की थाली में जरूर रखें ये चीजें
रक्षा बंधन का पर्व इस बार 15 अगस्त को गुरुवार के दिन मनाया जाएगा। राखी का त्योहार गुरुवार के दिन आने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है। लेकिन, रक्षा बंधन का पर्व मनाने से पहले बहनों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। राखी की थाली सजाने से पहले बहनों को इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि, थाली में क्या रखे और क्या नहीं। इस खबर के जरिए हम आपको पूजा की थाली में रखी जाने वाली विशेष सामग्रियों के बारे में बता रहे हैं।
कुमकुम-
राखी के दिन भाई की आरती उतारने के साथ ही बहनें उन्हें कुमकुम का तिलक लगाती हैं। इसलिए राखी की थाली में कुमकुन का होना जरूरी होता है। इसका संबंध सूर्य ग्रह से होता है। भाई की तरक्की के लिए थाली में कुमकुम अवश्य रखें।
रक्षासूत्र-
थाली में रक्षासूत्र रखकर ही भाई की आरती उतारें। बहनें अपने भाई को सिर्फ दाहिने हाथ में ही रक्षासूत्र बांधे क्योंकि ये आने वाली मुश्किल परिस्थियों में भाई की रक्षा करता है।
चावल-
पूजा की थाली में चावल रखना शुभ माना जाता है। तिलक लगाने के बाद बहनें अपने भाई के तिलक पर चावल के कुछ दाने लगती हैं, जिसका संबंध शुक्र ग्रह से माना गया है। इससे भाई-बहनों का प्रेम हमेशा बना रहता है।
श्रीफल-
राखी की थाली में श्रीफल अवश्य रखें। कहते हैं श्रीफल से भाई-बहन को जीवन में हर प्रकार की सुख सुविधाएं मिलती है।
दीपक-
राखी की थाली में दीपक रखने के बाद ही भाई की आरती उतारे क्योंकि इससे भाई के जीवन में आने वाले सभी कष्ट दूर होंगे। दीपक का संबंध शनि और केतु ग्रह से जोड़कर देखा गया है।
कलश-
जल भरे कलश को चंद्रमा माना गया है। भाई की मानसिक शांति के लिए जरूरी है कि बहनें पानी भरे कलश से भाई की पूजा-अर्चना करें।
मिठाई-
पूजा की थाली में मिठाई भी रखें। आरती उतारने और राखी बांधने के बाद भाई को मिठाई अवश्य खिलाएं, इससे भाई पर हमेशा लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी। इससे भाई के वैवाहिक जीवन में भी खुशियां आएंगी और संतान सुख मिलेगा।
बता दें कि, राखी बांधने का शुभ मुहूर्त इस बार 15 अगस्त को सुबह 5: 49 मिनट से शुरू होगा। इस शुभ मुहूर्त से लेकर बहनें अपने भाई शाम 6.01 बजे तक राखी बांध सकती हैं। वैसे, सुबह 6 से 7.30 बजे, और सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। सावन के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 15:45 (14 अगस्त ) से ही हो जाएगी। इसका समापन 17:58 (15 अगस्त) को हो जाएगा। खास बात ये भी है कि कई सालों के बाद यह पहली बार होगा जब राखी के मौके पर भद्रा का साया नहीं होगा।