पुत्रदा एकादशी : इस तरह करे आज एकादशी व्रत के साथ 3 देवताओं की आराधना
आज सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे पुत्रदा और पवित्रा एकादशी कहा जाता है। ये सावन माह की अंतिम एकादशी है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सावन माह में शिवजी की पूजा की जाती है। एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत किया जाता है और रविवार को सूर्यदेव की पूजा की जाती है। एकादशी और रविवार का योग होने से इस दिन इन तीनों देवताओं की पूजा करेंगे तो मनोकामनाएं जल्दी सफल हो सकती हैं। यहां जानिए 11 अगस्त को कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते हैं...
सूर्य को जल चढ़ाकर करें दिन की शुरुआत
एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद तांबे के लोटे से भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें। जाप कम से कम 108 बार करें।
इसके बाद घर के मंदिर में या किसी अन्य मंदिर में भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करें। पूजा में दक्षिणावर्ती शंख से भगवान का अभिषेक करें।
अगर आप चाहें तो इस तिथि पर विष्णु भगवान के लिए व्रत भी कर सकते हैं। व्रत करने वाले भक्त को एक समय फलाहार करना चाहिए। इस दिन किसी ब्राह्मण को भोजन करवाएं और दान करें।
भगवान विष्णु को केलों का भोग लगाएं। किसी गरीब को भोजन कराएं और धन का दान करें। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप 108 बार करें।
सूर्यास्त के तुलसी के पास दीपक जलाएं और परिक्रमा करें। ध्यान रखें शाम के समय तुलसी को छूना नहीं चाहिए।
सावन माह की एकादशी पर चांदी के बर्तन से शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। 11, 21 या 51 अपनी श्रद्धा के अनुसार बिल्वपत्र पर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इसके बाद ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
शिवलिंग पर तांबे के लोटे से केसर मिश्रित जल चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
सूर्यास्त के बाद शिवजी के सामने घी का दीपक जलाएं और शिव मंत्र ऊँ सांब सदा शिवाय नम: का जाप 108 बार करें।