इस मंत्र के जाप से होगा चिंताओं का नाश, शिव का मिलेगा सदैव आर्शीवाद
हमारे जीवन में ना जाने कब कौन सा कष्ट आ जाए यह कोई नहीं जानता है. कभी घर परिवार का कष्ट तो कभी नौकरी-रोजगार की परेशानी, सबसे ज्यादा दिक्कत तो बीमारी और शारीरिक कष्ट में होती है. इनमें से कोई भी परेशान आने पर इंसान बेबस हो जाता है. उसके सोचने समझने की क्षमता छिन्न हो जाती है. इंसान धैर्य खोने लगता है. ऐसे में मन में बस एक ही ख्याल आता है कि काश कोई होता जो हमारे कष्ट को हर लेता. हिंदू धर्म-शास्त्रों के मुताबिक भगवान शंकर ऐसे हैं जो हर किस्म के कष्ट से मुक्ति दिलाते हैं.
हिंदुओं में मान्यता है कि भगवान शंकर को खुश करना सबसे आसान है. शायद इसलिए उन्हें भोले बाबा भी कहा जाता है. ऐसे में जेहन में सवाल आता है कि आखिर क्या करें कि भोले बाबा हमपर कृपा बनाए रखें.
भगवान शंकर को खुश करने का ये है आसान तरीका
भगवान शंकर को खुश करने के लिए एक मंत्र का जाप किया जा सकता है. इस मंत्र का नाम है 'महामृत्युंजय मंत्र'(Mahamrityunjaya mantra). शास्त्रों का दावा है कि यह दुनिया का सबसे पावरफुल मंत्र है. शुद्ध और निश्छल भाव से अगर इस मंत्र का जाप किया जाए तो इंसान को जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति में मदद मिलती है.
ये महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya mantra)-:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्.
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
महामृत्युंजय मंत्र का करना चाहते हैं जाप तो बरतें ये सावधानिंया
महामृत्युंजय मंत्र हर कष्ट में चमत्कारिक साबित होती है, लेकिन इसमें थोड़ी सावधानियां भी बरतनी होती है. महामृत्युंजय मंत्र का जप करते वक्त आपको उच्चारण पर विशेष ध्यान देना चाहिए. कोशिश करें कि हर रोज एक निश्चित वक्त पर ही इस मंत्र का जाप करें. इस मंत्र का जाप करते वक्त कोशिश करें कि आप ध्यान मुद्रा में बैठे हों. अगर कोई किसी शारीरिक कष्ट के चलते बैठने में असमर्थ है तो वह जिस भी अवस्था में हो उसी में इस मंत्र का जाप करें. कोशिश करें कि जितने दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें उतने दिन मांसाहार या शराब का सेवन न करें.
महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
जेहन में सवाल उठ रहे होंगे कि महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya mantra) का जाप तो करेंगे, लेकिन इसका अर्थ क्या होता है. इस अर्थ इस प्रकार है- 'हम तृनेत्र भगवान शंकर की अराधना करते हैं जो प्रत्येक सांस में जीवन शक्ति का संचार करते हैं, जो सम्पूर्ण जगत का पालन-पोषण अपनी शक्ति से कर रहे हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि जिस प्रकार एक ककड़ी अपनी बेल में पक जाने के उपरांत उस बेल-रूपी संसार के बंधन से मुक्त हो जाती है, उसी प्रकार हम भी इस संसार-रूपी बेल में पक जाने के उपरांत जन्म-मृत्यु के बंधनों से सदा के लिए मुक्त हो जाएं तथा आपके चरणों की अमृतधारा का पान करते हुए शरीर को त्यागकर आप ही में लीन हो जाएं और मोक्ष प्राप्त कर लें.
नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya mantra) का जाप कर चुके लोग अपने अनुभव में बताते हैं- 'जिन लोगों का पूजा-पाठ से वास्ता नहीं पड़ा है, उन्हें शुरुआत में थोड़ी ऊब लगेगी, लेकिन कुछ ही दिनों बाद इसमें आनंद आने लगेगा. आप अपने भीतर गजब का आत्मविश्वास अनुभव करेंगे. मन में किसी भी प्रकार भय-कष्ट अनुभव नहीं करेंगे.