प्रकृति की उपासना का पर्व है हरियाली अमावस्या
प्रकृति पूजन के पर्व हरियाली अमावस्या पर 1 अगस्त को इस बार मंगलकारी संयोग बन रहा है। इस दिन गुरु पुष्य, अमृत और सर्वार्थ सिद्धि एक साथ एक ही दिन होंगे। ज्योतिर्विदों के अनुसार इस संयोग में भगवान शिव की उपासना के साथ पौधारोपण करना विशेष लाभप्रद होगा। इस विशेष संयोग में की गई आराधना साधकों को मनोवांछित फल देगी।
ज्योतिर्विद श्यामजी बापू के अनुसार हरियाली अमावस्या की शुरुआत 31 जुलाई को सुबह 11.58 से होगी, जो 1 अगस्त को सुबह 8.41 बजे तक रहेगी। 1 अगस्त को उदयातिथि में गुरु पुष्य सुबह 6.07 से दोपहर 12.11 बजे तक रहेगा। इसके साथ सर्वार्थ और अमृत सिद्धि का संयोग सुबह 5.59 से दोपहर 12. 11 बजे तक रहेगा।
ज्योतिर्विद ओम वशिष्ठ के अनुसार इस दिन नदियों में पितरों के निमित्त तर्पण आदि किए जाएंगे। इसके अलावा सूर्य, चंद्रमा, मंगल और शुक्र के कर्क राशि में होने से चतुर्ग्रही योग भी रहेगा। इसके चलते इस दिन पंच महायोग एक साथ रहेंगे। ऐसे में इस दिन पूजन का विशेष महत्व है।