विदेश में भी हैं कई शिव मंदिर, सावन के महीने में जानिए इनके बारे में
सावन के महीना में शिव पूजन का विशेष महत्व है और ऐसा माना जाता कि सावन के महीने में महादेव की पूजा करने से कई गुना लाभ मिलता है। इस सावन के महीने में भी शिव भक्तों में उत्साह देखने को मिल रहा है। भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिरों में तांता लगा हुआ है। लेकिन क्या आपको जानते हैं कि भगवान शिव के मंदिर केवल भारत में ही नहीं दुनिया भर के कई देश हैं और वहां सावन में पूजा का विधान है। यहां ऐसे ही मंदिर के बारे में बता रहे हैं जो कि विदेश में स्थित है:
अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर, मलेशिया: मलेशिया के जोहोर बरु में स्थित अरुल्मिगु श्रीराजा कलिअम्मन मंदिर का निर्माण साल 1922 के आस-पास किया गया था। जिस जमीन पर यह मंदिर बना हुआ है, वह जमीन जोहोर बरु के सुल्तान ने भेंट स्वरूप भारतीयों को दी गई थी। पहले तक यह मंदिर बहुत ही छोटा था, लेकिन आज यह एक भव्य मंदिर बन चुका है। मंदिर के गर्भ गृह में लगभग 3 लाख मोतियों को दीवार पर चिपकाकर सजावट की गई है
मुन्नेश्वरम मंदिर, श्रीलंका: श्रीलंका के एक छोटे से गांव में बना मुन्नेश्वरम मंदिर शिव और काली का स्थान है। इस मंदिर का इतिहास रामायण काल से सम्बंधित है। मान्यताओं के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम ने इसी जगह पर भगवान शिव की पूजा की थी। इस मंदिर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे विशाल मंदिर भगवान शिव का है। इस शिवलिंग की स्थापना स्वयं भगवान राम ने की थी, इसलिए इसे रामलिंगम भी कहा जाता है। मंदिर का निर्माण दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली के मंदिरों की तरह किया गया है।
प्रम्बानन, इंडोनेशिया: इंडोनेशिया के जावा में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर 10वीं शताब्दी में बना था। भारत से बाहर बने हिंदू मंदिरों में ये सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। प्रम्बानन शहर से 17 किमी दूर इस मंदिर को यूनेस्को ने वर्ल्ड हैरटेज घोषित किया है।
कटास राज मंदिर, पाकिस्तान: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में स्थि कटास राज मंदिर प्राचीन शिव मंदिर है। ये चकवाल गांव से 40 किमी दूर कटस की पहाड़ियों पर बना हुआ है। इस शिव मंदिर का निर्माण छठी शताब्दी से लेकर नौवीं शताब्दी के बीच हुआ था। ऐसी मान्यता है कि है कि माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव इतना रोए थे कि उनके आंसुओं से कुंड भर गया था।
कैलाश मानसरोवर, तिब्बत: कैलाश पर्वत समुद्र सतह से 22068 फुट ऊंचा है तथा हिमालय से उत्तरी क्षेत्र में तिब्बत के मानसरोवरझील से घिरा है। तिब्बत चीन के अधीन आता है। यह साक्षात शिव का निवास माना जाता है।
रामलिंगेश्वर मंदिर, मलेशिया: मलेशिया की राजधानी क्वालालमपुर में यह मंदिर बना है जहां हमेशा ही शिवभक्तों का तांता लगा रहता है। सन 2012 में मलेशिया सरकार ने मंदिर और आस पास का क्षेत्र मंदिर का प्रबंधन करने वाली ट्रस्ट के हवाले कर दिया।
पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल: नेपाल के बागमती नदी के किनारे बना यह मंदिर यूनेस्को की विश्व हेरिटेज श्रेणी में आता है जहां भगवान शिव के दर्शन के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव का चार मुंह वाली मूर्ति लगी है। साथ ही मंदिर में चार द्वार हैं जो चांदी के बने हुए हैं। यह मान्यता है कि इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में बनाया गया था। लेकिन दीमक की वजह से इस मंदिर को बहुत नुकसान हुआ। इसे दोबारा 17वीं शताब्दी में बनाया गया।