इस मंदिर में एक श्राप से हुआ था देवी की मूर्ति का निर्माण
देवी दुर्गा अपने अनेक स्वरूपों में पृथ्वीलोक में कई जगहों पर विराजमान है। देवी सर्वव्यापी है और कई रूपों में उनकी आराधना की जाती है। देवी के कई पुरातन मंदिर धरती पर विद्यमान है, जहां देवी स्वयंभू रूप में या मानव द्वारा प्रतिष्ठित की गई है। ऐसा ही एक मंदिर इंडोनेशिया के जावा में है। 10वीं शताब्दी में बना भगवान शिव का यह मंदिर प्रम्बानन मंदिर के नाम से विख्यात है।
रोरो जोंग्गरंग की होती है देवी दुर्गा के रूप में पूजा
प्रम्बानन मंदिर में महादेव के साथ देवी दुर्गा की मूर्ति विराजमान है। देवी की स्थापना के संबंध में एक कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार जावा में प्रबु बका नाम का एक दैत्य राजा था। उसकी रोरो जोंग्गरंग नाम की एक बहुत ही सुंदर बेटी थी। बांडुंग बोन्दोवोसो नाम का एक व्यक्ति रोरो जोंग्गरंग से शादी करना चाहता था, लेकिन रोरो जोंग्गरंग उससे शादी नहीं करना चाहती थी। इसलिए उसने बांडुंग बोन्दोवोसो के सामने एक अनूठी शर्त रखी।
शर्त यह थी कि बांडुंग बोन्दोवोसो को एक ही रात में एक हजार मूर्तियां बनानी होगी। यदि वह सफल हो जाता है तो रोरो जोंग्गरंग उससे शादी करेगी। शर्त को पूरा करने के लिए बांडुंग बोन्दोवोसो ने एक ही रात में 999 मूर्तियां बना दी और वह आखिरी मूर्ति बनाने जा रहा था। तभी रोरो जोंग्गरंग ने पूरे शहर के चावल के खेतों में आग लगवा कर दिन के समान उजाला कर दिया। जिससे वह दिन के उजाले का धोखा खाकर बांडुंग बोन्दोवोसो आखरी मूर्ति नहीं बना पाया और शर्त हार गया।
जब बांडुंग बोन्दोवोसो को हकीकत का पता चला तो वह बहुत गुस्सा हो गया और उसने रोरो जोंग्गरंग को आखिरी मूर्ति बन जाने का श्राप दे दिया। कहा जाता है कि प्रम्बानन मंदिर में रोरो जोंग्गरंग की उसी मूर्ति को देवी दुर्गा मान कर पूजा की जाती है।
रोरो जोंग्गरंग देवी के नाम से प्रसिद्ध है मंदिर
मंदिर में रोरो जोंग्गरंग को मूर्ति बनने का श्राप दिया गया था और मंदिर के गर्भगृह में रोरो जोंग्गरंग देवी की मूर्ति विद्यमान है। इसलिए इसको रोरो जोंग्गरंग मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
रोरो जोंग्गरंग मंदिर या प्रम्बानन मंदिर हिंदुओं के साथ-साथ वहां के स्थानीय लोगों के लिए भी भक्ति का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है।
मंदिर में ब्रह्मा,विष्णु और महेश भी है विराजमान
प्रम्बानन मंदिर परिसर में मुख्य रूप से तीन मंदिर हैं, जो ब्रह्मा, विष्णु और शिव को समर्पित है। सभी भगवानों की मूर्तियों के मुख पूर्व दिशा की ओर है और हर मुख्य मंदिर के सामने संबंधित भगवानों के वाहनों को समर्पित मूर्तियां विराजमान है। भगवान ब्रह्मा के सामने हंस, भगवान विष्णु के लिए गरूड़ और भगवान शिव के लिए नन्दी का मंदिर बना हुआ है। इनके अलावा परिसर में और भी कई मंदिर बने हुए हैं।
प्रम्बानन मंदिर स्थित शिव मंदिर विशाल और स्थापत्य का बेहतरीन नमूना है। यह मंदिर परिसर के मध्य में है। शिव मंदिर के अंदर चार कक्ष बने हुए हैं। जिनमें से एक में भगवान शिव की विशाल मूर्ति विराजमान है, दूसरे में भगवान शिव के शिष्य अगस्त्य की मूर्ति है, तीसरे में माता पार्वती की और चौथे में भगवान गणेश की मूर्ति स्थित है। शिव मंदिर के उत्तर में भगवान विष्णु का और दक्षिण में भगवान ब्रह्मा का मंदिर है।
मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण है रामायण
मंदिर की दिवारों पर महाकाव्य रामायण की कथाओं को उत्कीर्ण किया गया है। पत्थरों पर रामायण के कथानक को बेहद खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। मंदिर की दीवारों पर रामायण के प्रसंगों को बेहद खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। प्रम्बानन मंदिर की सुंदरता और बनावट देखने लायक है। मंदिर की दीवारों पर हिंदू महाकाव्य रामायण के चित्र भी बने हुए हैं। ये चित्र रामायण की कहानी को दर्शाते हैं। मंदिर की दीवारों पर की हुई यह कलाकारी इस मंदिर को और भी सुंदर और आकर्षक बनाती है।