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आषाढ़ का महीना मंगलवार से, जानिए कब कौन सा बड़ा व्रत-त्योहार


हिंदी पंचांग के अनुसार मंगलवार, 18 जून से नया महीना आषाढ़ आरम्भ होगा। आषाढ़ का महीना 16 जुलाई को खत्म होगा। आषाढ़ का महीना बहुत पवित्र माना जाता है। हिंदू पंचांग में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों के नाम पर रखा जाता है। आषाढ़ महीने का नाम भी पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा नक्षत्रों पर आधारित हैं। आषाढ़ के महीने में देवशयनी एकादशी होगी इसके अलावा इस माह ग्रहण भी लगेगा।
आषाढ़ मास के व्रत-त्योहार

गणेश चतुर्थी- 20 जुलाई
गणेश चतुर्थी का व्रत भगवान गणेश जी के लिए रखा जाता है।

योगिनी एकादशी- 28 जुलाई
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। इस इस एकादशी पर भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है।

अमावस्या- 2 जुलाई, खग्रास सूर्य ग्रहण
आषाढ़ अमावस्या – 2 जुलाई को आषाढ़ मास की अमावस्या है। यह तिथि बहुत ही पवित्र मानी जाती है। अमावस्या के दिन स्नान, दान-पुण्य, पितृ कर्म करने पर पुण्य फल की प्राप्ति होती है। यह दिन बहुत ही सौभाग्यशाली होता है। कालसर्प दोष एवं शनि संबंधी दोषों के निवारण अमावस्या पर जा सकते हैं।

विनायकी चतुर्थी- 6 जुलाई
यह व्रत भगवान गणेश जी के लिए रखा जाता है।

देवशयनी एकादशी- 12 जुलाई
देवशयनी एकादशी – साल में कुल 24 एकादशी होती है जिसमें  देवशयनी एकादशी बहुत ही खास एकादशी होती है। इस एकादशी पर सभी मांगलिक कार्यक्रमों पर विराम लग जाता है। दरअसल भगवान विष्णु इस दिन से चार महीनों के लिए विश्राम करने क्षीर सागर में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी को ही जागते हैं। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवशयनी एकादशी कही जाती है। देवशयनी एकदशी 12  जुलाई 2019 है।

गुरु पूर्णिमा, खंडग्रास चंद्रग्रहण- 16 जुलाई
आषाढ़ पूर्णिमा का दिन बहुत ही खास होता है। इसके अलावा इस दिन को गुरु पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा आदि के रूप में भी मनाया जाता है। जिसमें गुरू की पूजा की जाती है।

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