रूद्राक्ष धारण करने से रक्तचाप रहता है नियंत्रित, बढ़ती है स्मण शक्ति
भारतीय संस्कृति में रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। माना जाता है कि रुद्राक्ष इंसान को हर तरह की हानिकारक ऊर्जा से बचाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ तपस्वी ही नहीं, बल्कि सांसारिक जीवन में रह रहे लोग भी करते हैं। आपने भी अक्सर कुछ तपस्वियों के साथ आम लोगों की गर्दन के चारों ओर रुद्राक्ष की माला को देखा होगा। रुद्राक्ष की माला पहनना धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ वैज्ञानिक रूप से भी काफी लाभप्रद है और इसको पहनने से शरीर पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।
धार्मिक महत्व
विद्येश्वर संहिता भगवान शिव से सम्बन्धित है। इस संहिता में भगवान शिव की पूजा, उपासना और उनसे जुड़ी चीजों का महत्व बताया है। इस ग्रंथ में भस्म से लेकर रुद्राक्ष तक का महत्व बताया गया है। रुद्राक्ष की उत्पत्ति के बारे में ग्रंथों में लिखा है कि
रुद्रस्य अक्षि रुद्राक्ष:, अक्ष्युपलक्षितम्अश्रु, तज्जन्य: वृक्ष:।
यानी 'रुद्र' का अर्थ शिव और 'अक्ष' का आँख अथवा आत्मा है। त्रिपुरासुर को जला कर भस्म करने के बाद भोले रुद्र का हृदय द्रवित हो उठा और उनकी आँख से आंसू टपक गये। आंसू जहाँ गिरे वहाँ 'रुद्राक्ष' का वृक्ष उग आया। रुद्राक्ष को हिन्दू और विशेष रूप से शैव अत्यंत पवित्र मानते हैं। शैव, तांत्रिक रुद्राक्ष की माला पहनते हैं और उससे जप करते हैं। उपनिषद में रुद्राक्ष को 'शिव के नेत्र' कहा गया है। इन्हें धारण करने से दिन-रात में किये गये सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और सौ अरब गुना पुण्य प्राप्त होता है। रुद्राक्ष में हृदय सम्बन्धी विकारों को दूर करने की अद्भुत क्षमता है।
बौद्धिक क्षमता को बेहतर बनाने में कारगर
वैज्ञानिकों के अनुसार रुद्राक्ष में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक गुणों के कारण अद्भुत शक्ति होती है। इसकी औषधीय क्षमता विद्युत चुंबकीय प्रभाव से पैदा होती है।
इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फ्लोरिडा के वैज्ञानिक डॉक्टर डेविड ली ने अनुसंधान के बाद बताया कि रुद्राक्ष विद्युत ऊर्जा के आवेश को संचित करता है, जिससे इसमें चुंबकीय गुण विकसित होते हैं। यह आवेश मस्तिष्क में कुछ केमिकल्स को प्रोत्साहित करते हैं, इस प्रकार शरीर का चिकित्सकीय उपचार होता है। शायद यह भी एक कारण है कि रुद्राक्ष के शरीर से स्पर्श होने से लोग बेहतर महसूस करते हैं।
रुद्राक्ष बौद्धिक क्षमता और स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने में भी कारगर माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से चिंता और तनाव से संबंधी परेशानियों में कमी आती है, उत्साह और ऊर्जा में वृद्धि होती है। रक्त परिसंचरण और दिल की धड़कन शरीर के चारों ओर एक चुंबकीय क्षेत्र लाती है, विशेष रूप से दिल के क्षेत्र में। रुद्राक्ष हृदयरोग, रक्तचाप एवं कोलेस्ट्रॉल स्तर नियंत्रण में प्रभावशाली माना जाता है।