इस बार सर्वार्थसिद्धि योग में मनेगी सोमवती अमावस्या, 24 घण्टे रहेगा शुभ संयोग
उज्जैन। ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तीन जून सोमवार को सर्वार्थसिद्धि योग के संयोग में आ रही है। सोमवार को अमावस्या होने से यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी।
इस दिन मोक्षदायिनी शिप्रा के रामघाट व सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में स्नान तथा श्री सोमेश्वर महादेव की दर्शन-पूजन की मान्यता है। नक्षत्र योग के आधार देखें तो इस बार की अमावस्या स्नान, दान व पितृकर्मों के लिए श्रेष्ठ है।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र, सुकर्मा योग, नाग करण तथा वृषभ राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। सोमवार के दिन रोहिणी नक्षत्र का संयोग सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण कर रहा है, इसका प्रभाव 24 घंटे रहेगा। यह योग पितृकर्म व धार्मिक कार्यों में विशेष फल प्रदान करने वाला माना गया है। इसकी साक्षी में शिप्रा स्नान, दान तथा पितृकर्म करने से परिवार में सुख समृद्धि रहती है।
वृषभ राशि के चंद्रमा में अमावस्या शुभ
पं.डब्बावाला के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या को भावुका अमावस्या भी कहा जाता है। ज्येष्ठ मास 12 महीनों में बड़ा माना गया है। इस माह की अमावस्या भी वर्षभर की 12 अमावस्याओं में बड़ी है। इस दिन 24 घंटे सर्वार्थसिद्धि योग का होना विशेष माना गया है। धर्मशास्त्रीय अवधारणा में वृषभ राशि के चंद्रमा में अमावस्या शुभ मानी जाती है।
शनिदेव के प्राकट्य का दिन
पंचागीय गणना व धर्मग्रंथों के अनुसार शनि के प्राकट्य को लेकर अलग-अलग मान्यताएं हैं। इनमें प्रधान रूप से ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर भगवान शनिदेव के प्राकट्य की मान्यता है। इस दिन शनिदेव की प्रसन्न्ता के लिए विभिन्न् राशि के जातकों को तेलाभिषेक करना चाहिए। शनिस्तोत्र, शनिअष्टक, शनिस्तवराज, शनिकवच का पाठ करने से भी शनिदेव प्रसन्न् होते हैं।
हो सकती है बारिश
सूर्य व चंद्र की गोचर गणना से देखें तो वृषभ राशि में सूर्य का संचरण चल रहा है। चंद्र भी सवा दो दिन के लिए वृषभ राशि में आएगा। चंद्र सूर्य की यह युति वृषभ राशि में होने से वर्षा की स्थिति निर्मित होगी। अमावस्या पर पूर्व, उत्तर, पश्चिम आदि दिशाओं से बारिश की संभावना बन सकती है।