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आज है वैशाख अमावस्‍या और शनिवार का संयोग, शुभफल प्राप्ति के लिए जरूरी करें ये उपाय



शनिवार, 4 मई को वैशाख मास की अमावस्या है। शनिवार को ये तिथि होने से इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार जानिए इस अमावस्या पर कौन-कौन से शुभ काम करने की परंपरा है...

शनिश्चरी अमावस्या पर क्या-क्या कर सकते हैं?
अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय में ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।

अभी गर्मी का मौसम चल है, इस समय में अमावस्या पर जूते-चप्पल और छाते का दान किसी गरीब व्यक्ति को करना चाहिए। इस दिन पानी का दान भी कर सकते हैं। किसी प्याऊ में मटके का दान करने की परंपरा है।

अमावस्या की शाम किसी हनुमान मंदिर जाएं और मंदिर में दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने की परंपरा है। इससे मन को शांति मिलती है और आत्म विश्वास बढ़ता है।

अमावस्या पर किसी पवित्र में स्नान करने की परंपरा पुराने समय से चली आ रही है।स्नान के बाद गरीबों को अन्न और धन का दान करना चाहिए।

इस तिथि पर शनिदेव को तेल चढ़ाएं। पीपल को जल चढ़ाकर परिक्रमा करें। शनिश्चरी अमावस्या पर शनि की विशेष पूजा करनी परंपरा प्रचलित है।

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