ईसाई तरह हुई थी 'ईस्टर पर्व' की शुरूआत
ईस्टर ईसाई धर्म के महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है. ईसा मसीह के पुनर्जीवित होने की खुशी में ईस्टर पर्व मनाया जाता है. ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, गुड फ्राइडे के तीसरे दिन ईसा मसीह दोबारा जीवित हो गए थे, जिसे ईसाई धर्म के लोग ईस्टर संडे के नाम से मनाते हैं. ईस्टर को मृतोत्थान दिवस या मृतोत्थान रविवार भी कहते हैं. क्रिसमस के अलावा ईस्टर ईसाई धर्म का सबसे बड़ा पर्व है. दोनों ही पर्व ईसाह मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाए जाते हैं. इस बार ईस्टर 21 अप्रैल के दिन मनाया जा रहा है.
क्यों मनाया जाता है ईस्टर पर्व?
ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, हजारों साल पहले गुड फ्राइडे के दिन ईसाह मसीह को यरुशलम की पहाड़ियों पर सूली पर चढ़ाया गया था. इसके बाद गुड फ्राइड के तीसरे दिन यानी पहले संडे को ईसाह मसीह दोबारा जीवित हो गए थे. माना जाता है कि पुनर्जन्म के बाद ईसा मसीह करीब 40 दिन तक अपने शिष्यों के साथ रहे थे. इसके बाद वे हमेशा के लिए स्वर्ग चले गए थे. इसलिए ईस्टर पर्व का जश्न पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है. लेकिन आधिकारिक तौर पर ईस्टर पर्व 50 दिनों तक चलता है. इस पर्व को ईसाई धर्म के लोग बड़ी धूम-धाम और उत्साह से मनाते हैं.
कैसे मनाया जाता है ईस्टर?
- ईस्टर पर्व के पहले सप्ताह को ईस्टर सप्ताह कहा जाता है. इस दौरान ईसाई धर्म के लोग प्रार्थना करते हैं, साथ ही व्रत रखते हैं.
- ईस्टर पर्व पर सभी चर्चों को खास तौर पर सजाया जाता है.
- इस दिन चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं. ईसाई धर्म के कई लोग इस दिन अपने घरों को भी मोमबत्तियों से रौशन करते हैं.
- ईस्टर डे के दिन विशेष तौर पर बाइबल का पाठ किया जाता है.
ईस्टर पर अंडे का महत्व-
ईस्टर पर्व पर अंडे का खास महत्व होता है. ईसाई धर्म के लोग ईस्टर पर्व पर अंडे सजाकर एक दूसरे को गिफ्ट करते हैं. उनकी मान्यता है कि अंडे अच्छे दिनों की शुरुआत और नए जीवन का संदेश देते हैं. दरअसल, ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि अंडे में से जिस तरह एक नया जीवन उत्पन्न होता है, वह लोगों को नई शुरुआत का संदेश देता है.