हनुमान जी के इन मंत्रों का पाठ करने से मिलती है शारीरिक पीड़ा से मुक्ति
संकटों से निवारण में हनुमानजी की स्तुति और उनके मंत्रों का जाप रामबाण प्रयोग माना जाता है। कष्टों से घिरने पर मानव आशाभरी नजरों से उनके उपाय खोजता रहा है। देवी-देवताओं के मंदिरों में शीश नवाता है और कई सारे उपायों को करता है। ऐसे समय देवी देवताओं की शरण में जाने से कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। मान्यता है कि हनुमानजी की आराधना से बडे से बड़े संकटों से छुटकारा मिल जाता है।
बजरंगबाण के पाठ से शत्रु पीड़ा का होता है नाश
हमुनामजी की आराधना के कुछ खास उपाय हैं, जिनके करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है। बजरंगबली की उपासना का सर्वोत्तम उपाय बजरंग बाण का पाठ है। बजरंगबाण का पाठ मानव को एक सुरक्षाकवच प्रदान करता है। इस पाठ के करने से सुरक्षा का अभय मिलता है और शत्रु पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
कभी ऐसा भी होता है कि किसी इंसान की किसी से दुश्मनी हो जाती है। वह इस दुशमनी की वजह से बेहद परेशान हो जाता है और हर हालत में इससे छुटकारा पाना चाहता है। या कुछ लोगों के ऐसे शत्रु भी होतें हैं जो उनको पीछे से नुकसान पहुंचाते हैं। उनके कारोबार से जलन रखते हैं या ऑफिस में उनकी तरक्की को रोकने की साजिश रखते हैं और उनके खिलाफ षडयंत्र रचते हैं।
ऐसे मुश्किल वक्त में श्री बजरंग बाण का पाठ आपको अमोघ सुरक्षा कवच प्रदान करता है। शत्रुता के नाश के लिए बजरंगबाण का पाठ ब्रह्मास्त्र का तरह कार्य करता है। इसके लिए हनुमानजी के मंदिर में या घर पर विधिपूर्वक 21 दिलों तक लगातार बजरंग बाण का पाठ करें। साथ ही सात्विक दिनचर्या की पालन करें और ब्रह्मचर्य को इस अवधि में अपनाए। 21 दिनों तक इस पाठ को श्रद्धापूर्वक करने से शत्रु पीड़ा का नाश हो जाता है।
हनुमान अष्टक के पाठ से संकटों से मिलती है मुक्ति
इसी तरह किसी भी तरह का संकट हो तो संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करने से बड़े से ब़ड़े संकटों से छुटकारा मिल जाता है। हनुमानजी नवनिधि और अष्टसिद्धि के दाता हैं और साथ ही सभी कल्याणकारी शक्तियों के स्वामी हैं। इसलिए घनघोर संकट के समय हनुमान आराधना से हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसलिए कष्टों के निवारण के लिए संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ को सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता है कि संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ सुबह शाम करने से सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिल जाता है।
शारीरिक दिक्कतों के लिए हनुमानजी की आराधना का शास्त्रों में प्रावधान किया गया है। शारीरिक दर्द से छुटकारा पाने में हनुमान बाहुक संजीवनी बुटी का काम करता है। जिस व्यक्ति को गठिया, वात, सिरदर्द, जोड़ों का दर्द हो ऐसे मरीजों को हनुमान बाहुक का पाठ करने से बहुत फायदा मिलता है।
हनुमान बाहुक के पाठ से शारीरिक दर्द से मिलता है छुटकारा
हनुमान बाहुक से हनुमानजी की आराधना करने के लिए बजरंगबली की मूर्ति या चित्र के सामने एक तांबे का जलपात्र भरकर रखें और फिर 21 या 26 दिनों तक हनुमान बाहुक का विधिपूर्वक पाठ करें। पाठ के समय रखा गया जल पाठ के समापन पर पी जाएं। दूसरे दिन दूसरा जल रखे। ऐसा लगातार कम से कम 21 दिनों तक करें। हनुमानजी की कृपा से आपको शारीरिक दर्द से छुटकारा मिलेगा।