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अष्‍टमी के दिन होता है कन्‍या पूजन, मॉं होती है भक्‍तों पर प्रसन्‍न



13 अप्रैल शनिवार को चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी है. महाष्टमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है. हालांकि कुछ लोग नवमी पर भी कन्या पूजन करते हैं. मान्यता है कि कन्या पूजन करने से वासंतिक नवरात्रि का शुभ फल मिलता है. नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी  दुर्गा की पूजा होती है. महाअष्टमी के दिन कन्याओं का पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने  भक्तों पर कृपा बरसाती हैं. 

क्यों और कैसे किया जाता है कन्‍या पूजन?

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बड़ा महत्व है. इस दिन नौ कन्याओं को नौ देवियों के प्रतिबिंब के रूप में पूजने के बाद ही भक्तों के नवरात्रि व्रत पूरे माने जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन कन्या पूजन के दौरान अपने सामर्थ्य के अनुसार माता रानी और कन्याओं को भोग लगाकर दक्षिणा देने से ही मां दुर्गा प्रसन्न हो जाती हैं.

ऐसे करें कन्या पूजन-

-कन्याओं के पैर धोकर आसान पर बिठाएं.  

- दीपक ज्योति और धूप जलाने के बाद कन्या पूजन शुरू करें.  

- कन्याओं पर पवित्र जल छिड़कर उन्हें सिंदूर और दूर्वा का तिलक लगाएं.  

- बाईं कलाई में कलावा बांधें, कन्याओं को लाल चुनरी ओढ़ाकर फूलों की माला पहनाएं.   

- नारियल फोड़कर उसके छोटे छोटे टुकड़े करें.   

- कन्याओं को हलवा-पूड़ी, चने, फल और नारियल का भोग लगाएं.

- इसके बाद कन्याओं को दक्षिणा दें.  

- कन्याओं को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद लें.  

नवरात्रि के आठवें दिन महा गौरी की पूजा करें.

- अष्टमी के दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की ख़ास विधि से पूजा करने से सभी संकटों से मुक्ति मिलती है.  

- कन्याओं की शादी का योग बनता है.

- पति-पत्नी के बीच क्लेश खत्म हो जाते हैं.  

- मां को गुड़ की खीर का भोग लगाएं.  

- आठ दीपक जलाकर मां को लाल वस्त्र की चुन्नी चढ़ाएं.

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