रैवती नक्षत्र में आएंगी चैत्र नवरात्रि, इस मुहूर्त में करें घट स्थापना...
चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ छह अप्रैल से हो रहा है। रेवती नक्षत्र में शुरू हो रही नवरात्रि में इस बार पूरे नौ दिनों में पांच बार सर्वार्थसिद्धि योग और दो बार रवि योग का संयोग विशेष फलदायी माना जा रहा है। नवरात्रि पर घट स्थापना के लिए सुबह 6.10 से लेकर 10.20 बजे तक शुभ मुहूर्त है। इसके बाद दोपहर 11.58 से 12.49 बजे तक अभिजीत मुहूर्त में भी घट स्थापना करना श्रेष्ठ होगा।
उदया तिथि का महत्व
महामाया मंदिर के पुजारी पं.मनोज शुक्ला के अनुसार पांच अप्रैल को प्रतिपदा तिथि दोपहर 2. 40 बजे से शुरू होकर छह अप्रैल को दोपहर 3.20 बजे तक रहेगी। चूंकि सूर्योदय के समय पड़ने वाली तिथि को महत्व दिया जाता है, इसलिए छह अप्रैल को प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि का शुभारंभ होगा।
चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग श्रेष्ठ नहीं
ऐसी मान्यता है कि जिस तिथि को यदि चित्रा नक्षत्र और वैधृृति योग हो तो उसे श्रेष्ठ नहीं माना जाता। इस बार नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा तिथि पर चित्रा नक्षत्र तो नहीं है, लेकिन वैधृति योग पड़ रहा है। शास्त्रों में यह भी उल्लेखित है कि यदि नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को ऐसा संयोग बनता है तो ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है। इस दिन पड़ने वाले अभिजीत मुहूर्त में घट स्थापना कर लेनी चाहिए।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
- श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त सुबह 6.10 से 10.20 बजे तक रहेगा
- अभिजीत मुहूर्त 11.58 से 12.49
सर्वार्थसिद्धि योग
किसी भी तरह की पूजा अथवा कार्य का शुभारंभ करने के लिए सर्वार्थसिद्धि योग को श्रेष्ठ माना जाता है। इस नवरात्रि में पांच बार सर्वार्थसिद्धि योग पड़ रहा है। द्वितीया तिथि सात अप्रैल, चतुर्थी नौ अप्रैल, पंचमी 10 अप्रैल, सप्तमी 12 अप्रैल और नवमी 14 अप्रैल को सर्वार्थसिद्धि योग में नए कार्य करना विशेष फलदायी होगा।
रवि योग
इसी तरह षष्ठी तिथि 11 अप्रैल और नवमी तिथि 14 अप्रैल को रवि पुष्य योग का संयोग है। इस योग में किसी भी तरह की खरीदारी करना अथवा नया कार्य करना श्रेष्ठ माना जाता है।