तलाक, आत्महत्या जैसे मार्ग नहीं दिखाती है भारतीय संस्कृति- श्री दुर्लभ मति माताजी
श्री महावीर दिगंबर जैन मंदिर लक्ष्मी नगर में सिद्ध चक्र मंडल विधान
श्रीपाल-मैना सुन्दरी का चारित्र्य वर्णन - आध्यात्मिकता की दृष्टी से श्री सिध्दचक्रमहामंडल विधान का महत्व
उज्जैन। भारतीय संस्कृति को समझाते हुए गुरुवार को दुर्लभ मति माताजी ने कहा कि तलाक, आत्महत्या आदि हमें धर्म नहीं सिखाता है, धर्म हमें पारिवारिक, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं वैराग्य मार्ग दिखाता है शीलवान होने का मार्ग सिखाता है। विवाह के अलावा सभी महिलाएं माता एवं बहन होना चाहिए। भारतीय संस्कृति इसीलिए दुनिया में सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है। नौ दिवसीय श्रीपाल राजा- मैनासुन्दरी की आध्यात्मिकता की दृष्टी से एक पत्नी की अपने पति जो रोग से ग्रसित होकर समर्पित भाव से सेवा करती हैं ओर कर्त्यव्य परायणता का मार्ग अपनाती हैं, यही जैन धर्म का सिध्दांत हैं जिसका वर्णन श्रीसिध्दचक्रविधानमहामंडल में अनुभूति होती हैं। आज के समाज में वैचारिकता में मतभेद भुलकर एकता दिखना चाहिये, यही भगवान महावीर का संदेश हैं।
यह उद्बोधन श्री 105 आर्यिकारत्न माताजी ससंघ के सानिध्य में चल रही पूजा के दौरान अपने प्रवचन में गुरुवार को श्री महावीर दि जैन, लक्ष्मीनगर में चल रहे विधान में कही। माताजी श्री आदिनाथ दि जैन मंदिर, लक्ष्मीनगर ओर महावीर मंदिर प्रथम ओर अंतिम तिर्थकर ओर साथ में श्री शांतिनाथ दि जैन मंदिरों को साथ में होने पर विशेषता प्रतिपादित की। प्रतिष्ठाचार्य ब्रह. अरुण जैन कटंगीवाले विधान को समझाकर बता रहे हैं साथ में पंडीत खुमानसिंहजी के निर्देशन में यह धार्मिक अनुष्ठान निरंतर चल रहा हैं। समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि गुरूवार को विधान का दुसरा दिवस था। इस विधान में आवश्यक पात्रों का चयन किया हैं जिसमें सौधर्म इंद्र शैलेंन्द्र शाह, कुबेर केवलचंद मुकेशकुमार पहाडिया, ईशान इंद्र कमल बडजात्या, सानत इंद्र- सुरेशचंद्र संतोष जैन, महामंडलेश्वर- प्रकाश टोंग्या, श्रीपाल सुन्दरी- के सी जैन पत्नि कांतादेवी, यज्ञनायक- संजय लुहाडिया, माहेंद्र इंद्र- विमलचंद बाकलीवाल, ब्रम्होत्तर- हिरालाल बिलाला, ब्रम्हेन्द्र- डा ऋषभ जैन बाहुबली- अनिल डोसी, भरतचक्रवर्ती- अशोक जैन गुनावाले, अशोक जैन मंगला आदि लगभग सैकड़ों इंद्र इंद्राणी सम्मिलित हुये हैं जो श्री सिध्द भगवान की अभिषेक, भक्ती आराधना करने हेतु समर्पित हैं। ऋषिनगर के श्री आदिनाथ जैन मंदिर के अशोक मोदी, अध्यक्ष, अरविंद बुखारिया ओर ट्रस्टीयों, सुनील जैन बगड़िया ओर महिला मंडल के नेतृत्व ने बैंडबाजे के साथ विधान के लिये द्रव्यदान देकर पूण्यार्जन प्राप्त किया। माताजी ने सभी साधर्मियों से जैन समाज में मिलजुलकर रहकर, उज्जैन के मंदिरो की महत्ता का, संख्याओं को वर्णन कर सभी से आपस में एकजुटता का निमित्त मात्र से परिचित, सहकार्य की भावना का संकल्प को दोहराया। भोजन कराने का लाभ स्नेह लता सोगानी को मिला तो भोजन में व्यवस्था कराने का दिगंबर जैन सोशल ग्रुप अरिहंत को मिला।