फाल्गुन अमावस्या : आज बन रहा शुभ संयोग, अपने पितरों को ऐसे करें प्रसन्न
हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के लिये वैसे तो प्रत्येक मास की अमावस्या का महत्व होता है लेकिन फाल्गुनी अमावस्या का अपना विशेष माहात्म्य है। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिये किये जाने वाले दान,तर्पण, श्राद्ध आदि के लिये यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।
मान्यता है कि मृत्यु पर्यन्त दिंवगत आत्माएं पितृ लोक पंहुचती हैं। यह उनका एक प्रकार से अस्थाई निवास होता है और जब तक उनके भाग्य का अंतिम फैसला नहीं होता उन्हें वहीं रहना पड़ता है। इस दौरान उन्हें भूख और प्यास की अत्यंत पीड़ा सहन करनी पड़ती है क्योंकि वे स्वयं कुछ भी ग्रहण करने में समर्थ नहीं होते। उनकी इस पीड़ा का निवारण तभी होता है जब भू लोक से उनके सगे-संबंधि, परिचित या कोई भी उन्हें मानने वाला उनके लिये श्राद्ध दान तर्पण करता है।
हालांकि श्राद्ध हमेशा उसी तिथि को किया जाता है जिस तिथि को दिंवगत आत्मा इह लोक से पर लोक गमन करती है लेकिन यदि यह संभव न हो और किसी कारण वह तिथि मालूम न हो तो प्रत्येक मास में आने वाली अमावस्या को यह किया जा सकता है। साल में 12 अमावस्याएं आती हैं यदि निरंतरता में प्रत्येक अमावस्या को आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कुछ अमावस्याएं विशेष तौर पर सिर्फ श्राद्ध कर्म के लिये शुभ मानी जाती हैं। फाल्गुन अमावस्या उन्हीं में से एक है।
कालसर्प दोष के निवारण के लिये पूजा भी अमावस्या के दिन विशेष रूप से की जाती है।
फाल्गुनी अमावस्या पर कई धार्मिक तीर्थों पर फाल्गुन मेलों का आयोजन भी होता है।
फाल्गुनी अमावस्या 06 मार्च शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त 10:10 am से 11:57am
02:35pm से 03:21pm
06:16 pm से 06:42 pm
फाल्गुनी अमावस्या की तिथि का ऐसे पाएं शुभ लाभ-
यदि कोई काम रुका हुआ है तो इस दिन भगवान शिव का कच्चे दूध से अभिषेक करें। दूध में काला तिल मिलाएं और उन्हें अर्पित करें। ऐसा करने से बिगड़े हुए काम बनते हैं।
पितरों को प्रसन्न करने का उपाय
परिवार पर पितरों का आर्शिवाद होना काफी जरूरी है। इस अमावस्या पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काला तिल, शक्कर, चीनी, चावल और फूल चढ़ाएं।
कहा जाता है कि अमावस्या का दिन शनि देव का होता है। इसलिए इस दिन शनि देव को नीले रंग का फूल अवश्य चढ़ाएं।