अलग-अलग पुष्पों से की गई शिव की पूजन से होती है इन फलों की प्राप्ति
देवादिदेव महादेव कैलाशवासी और भांग-धतूरे का सेवन करने वाले विषपायी हैं। वह ना तो भक्तो में भेद करते हैं ना ही उनको किसी चीज से लगाव है, लेकिन मानव जीवन में शिव को प्रसन्न करने के अनेक विधान बताए गए हैं, जिसके द्वारा भोलेनाथ की आराधना करक उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। यह उपाय शीतल जल की धारा से लेकर विभिन्न फलों, अनाजों और शिवप्रिय सात्विक वस्तुओं के होते हैं। भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने का ऐक ऐसा ही उपाय सुगंधित फूलों का है।
शिवपुराण के अनुसार फूलों को श्रीशिव को समर्पित कर आप मनचाहा फल प्राप्त कर सकते हैं। धतूरे के एक लाख फूलों से पूजा करने से मानव को शुभ फल की प्राप्ति होती है। लाल डंठल वाला धतूरा पूजन में सर्वश्रेष्ठ माना गया है। अगस्त्य के एक लाख फूलों से पूजा करने से मानव को अपार यश की प्राप्ति होती है।
तुलसीदल से शिवपूजा करने से मानव को भोग और मोक्ष दोनों सुलभ होते हैं। लाल और सफेद आक, अपामार्ग और श्वेत कमल के एक लाख फूल श्रीशिव को समर्पित करने से भी भोग और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जपा के एक लाख फूलों से की हुई शिवपूजा शत्रुओं को मृत्यु देने वाली होती है। करवीर के एक लाख फूलों से पूजा करने पर रोगों से मुक्ति मिलती है।
दूपहरिया के फूलों से पूजन करने से आभूषणों की प्राप्ति होती है। चमेली के फूलों से शिवपूजन करने पर वाहन की प्राप्ति होती है। अलसी के फूलों से शिवपूजन करने पर मानव श्रीहरी को प्रिय होता है। शमीपत्रों से पूजा करने पर मानव को मोक्ष प्राप्त होता है। फूल श्रीशिव को समर्पित करने पर सुंदर और सुशील पत्नी प्राप्त होती है।
जूही के फूलों से शिवजी की पूजा करने पर घर में अन्न के भंडार भरे रहते हैं। कनेर के फूलों से पूजा करने पर सुंदर वस्त्रों की प्राप्ति होती है। शेफालिका के फूल से शिवपूजन करने से मानव मन निर्मल होता है। हारश्रंगार के फूलों से शिवपूजा करने पर सुख और संपत्ति में वृद्धि होती है। राई के फूलों को शिवजी को समर्पित किया जाए तो शत्रु पीड़ा का नाश होता है। ऋतु अनुसार उगने वाले फूल शिवजी को समर्पित करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। एक लाख बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी कामनाएं पूरी होती है।