भक्ति में आडंबर करोगे तो यहीं रह जाओगे और श्रद्धा होगी तो तर जाओगे
श्रीराम कथा में बोली मीरा दीदी-भगवान श्रीराम के वनवास एवं केवट प्रसंग की कथा सुनाई
उज्जैन। जेब मे कड़क नोट है तो बाजार से जो चाहे खरीद सकते है, ऐसे ही मन में सच्ची भक्ति हो तो भगवान से हक से मांग सकते है। भक्ति में आडंबर करोगे तो यहीं रह जाओगे और श्रद्धा होगी तो तर जाओगे। जिस दिन वैराग्य मन में हो जाए और मन करे अब कुछ नहीं सिर्फ भगवान का भजन करेंगे, उस दिन बिना घोषणा किये प्रभु की भक्ति शुरू कर देना लेकिन घोषणा कर दी तो समझना गई भैंस पानी में, यह संसार भक्ति करने नहीं देगा, आंसूओं को छिपाकर मुस्काना बहुत कठिन है।
उक्त बात तराना रोड़ स्थित ग्राम गुनाई खालसा में आयोजित संगीतमय श्रीराम कथा में कथावाचक साध्वी मीरा दीदी ने केवट प्रसंग का वर्णन करते हुए कही। मीरा दीदी ने कहा संसार में जितना कर्म करना जरूरी है उतनी प्रभु की भक्ति भी महत्वपूर्ण हैं, भगवान यह नहीं कहते कि केवल भक्ति करो और कर्म को भूल जाओ लेकिन ऐसा भी मत करो कि कर्म के चक्कर में अपने ईश्वर को ही भूल जाओ। कर्म और भक्ति दोनों साथ में रहे तो जीवन सुंदर बन जाता है। लेकिन कर्म और भक्ति साथ में न रहे तो जीवन बदसूरत हो जाता है। ईश्वर का प्रेम साथ रखकर काम करे तो जीवन में चार चांद लग जाएंगे। कथा समापन पर महाआरती हुई। समस्त ग्रामवासियों द्वारा ग्राम गुनाई खालसा में आयोजित श्री राम कथा की पूर्णाहुति 20 जनवरी को होगी। प्रतिदिन यहां दोपहर 12 से 3 बजे तक श्रीराम कथा का आयोजन हो रहा है।