कुंभ मेले में सजा शाही टेंट, एक रात का किराया है 35 हजार रूपये
प्रयागराज।अमृत की बूंदों से पवित्र हुए संगम के जल में स्नान करने के लिए करोड़ों लोगों के पहुंचने का अनुमान है। चारों कुंभ मेले में प्रयाग कुंभ का महत्व राजा के समान माना जाता है। इसलिए इस कुंभ का श्रद्धालु बड़ा बेसब्री से इंतजार करते हैं। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही कुंभ मेले का आगाज हुआ। पहले शाही स्नान में संन्यासी और श्रद्धालु दोनों ने पुण्य की डुबकी लगाई।
यूपी के प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू हुए कुंभ मेला-2019 में 12 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है। प्रदेश सरकार का दावा है कि मौनी अमावस्या में तीन करोड़ तीर्थयात्री आएंगे। इसके अलावा हर रोज करीब 20 लाख तीर्थयात्री यहां पहुंचेगे। कुंभ मेले में दस लाख विदेशी पर्यटकों को पहुंचने का अनुमान है।
1- केंद्र सरकार के अथक प्रयास के पश्चात यूनेस्को ने कुंभ को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया है। इसके अलावा इस बार मेले में एक खास बात यह है कि यहां 450 वर्षों के बाद पहली बार भक्तों को अक्षय वट और सरस्वती कूप में प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा। अभी तक अक्षय वट तक आम लोगों तक पहुंचने की इजाजत नहीं थी।
2- यह कुंभ 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक चलेगा। प्रयागराज में हो रहे इस कुंभ मेले में छह प्रमुख स्नान तिथियां होंगी। कुंभ की शुरुआत मकर संक्रान्ति से लेकर चार मार्च महा शिवरात्रि तक चलेगा। यहां जानिए पूरे 50 दिन चलने वाले इस अर्द्ध कुंभ की सभी महत्वपूर्ण स्नान तिथियां-
- मकर संक्रांति ( 14 January, 2019)
कुंभ की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन पहले स्नान से हो चुकी है । इसे शाही स्नान और राजयोगी स्नान भी कहा जाता है। इस दिन विभिन्न अखाड़ों के संतों की पहले शोभा यात्रा निकली और फिर शाही स्नान हुआ। दरअसल, माघ माह के पहले दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है। इसलिए इस दिन को मकर संक्रान्ति भी कहते हैं।
- पौष पूर्णिमा ( 21 January, 2019)
पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। इस पूर्णिमा के बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है। ऐसे मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन स्नान करता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है। वहीं, इस दिन से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत कर दी जाती है। वहीं, इस दिन संगम पर सुबह स्नान के बाद कुंभ की अनौपचारिक शुरुआत हो जाती है। इस दिन से कल्पवास भी आरंभ हो जाता है।
- मौनी अमावस्या ( 4 February, 2019)
कुंभ मेले में तीसरा महास्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुंभ के पहले तीर्थाकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था। मौनी अमावस्या के दिन कुंभ मेले में बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है। साल 2019 में मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है।
- बसंत पंचमी (10 February, 2019)
बसंत पंचमी माघ महीने की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋतु शुरू हो जाती है। कड़कड़ाती ठंड के सुस्त मौसम के बाद बसंत पंचमी से ही प्रकृति की छटा देखते ही बनती है। वहीं, हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती का जन्म हुआ था। इस बार बसंत पंचमी 10 फरवरी को है।
- माघी पूर्णिमा (19 February, 2019)
बसंत पंचमी के बाद कुंभ मेले में पांचवां महास्नान माघी पूर्णिमा को होता है। मान्यता है कि इस दिन सभी हिंदू देवता स्वर्ग से संगम पधारे थे। वहीं, माघ महीने की पूर्णिमा (माघी पूर्णिमा) को कल्पवास की पूर्णता का पर्व भी कहा जाता है। इस दिन माघी पूर्णिमा समाप्त हो जाती है। इस दिन गुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है। इस बार माघी पूर्णिमा 19 फरवरी को है।
- महाशिवरात्रि ( 4 March, 2019)
कुंभ मेले का आखिरी स्नान महा शिवरात्रि के दिन होता है। इस दिन सभी कल्पवासियों अंतिम स्नान कर अपने घरों को लौट जाते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं। मान्यता है कि इस पर्व का देवलोक में भी इंतज़ार रहता है। इस बार महाशिवरात्रि चार मार्च को है।
3- दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी
प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेंट का शहर तैयार किया गया है। यहां के कई टेंट में आलीशान सूईट से लेकर धर्मशालाएं तक बनाई गईं हैं। ये टेंट सिटी इतनी विशाल है कि इसे पैदल पूरा घूमना आसान नहीं होगा। यहां संगम तट पर बनी टेंट सिटी का एरियर व्यू इतना मनोरम होता है, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा।
4- अखाड़े और उनकी पेश्वाई
कुंभ में साधु-संतों के 13 अखाड़े शामिल होते हैं। ये पहला मौका है जब कुंभ में 14 अखाड़े शिरकत करेंगे। कुंभ के दौरान इनकी भव्य पेश्वाई निकलती है। पेश्वाई का अभिप्राय इनकी शाही सवारी से है। इसमें हाथी, घोड़े, ऊंट, बग्घी, बैंड से लेकर सोने-चांदी से सजे सिंहासनों पर अखाड़ा प्रमुख सजधज कर बैठे होते हैं।
इनकी सवारी के लिए अखाड़ों के शिविर से संगम तट तक एक विशेष राजपथ बनाया जाता है, जिस पर केवल अखाड़े ही चलते हैं। मार्ग के दोनों तरफ इनके सेवादार और श्रद्धालु आशीर्वाद पाने को खड़े रहते हैं। ये अखाड़े, साधू-संत और महंत कुंभ का प्रमुख आकर्षण होते हैं, जिन्हें देखने के लिए पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं।
5- पहली बार शामिल हो रहा किन्नर अखाड़ा
प्रयागराज कुंभ में पहली बार किन्नर अखाड़ा विधिवत रूप से शामिल हो रहा है। इस बार कुंभ में जाने वाले लोग किन्नर अखाड़े की पेश्वाई भी देख सकेंगे। कुंभ में किन्नर अखाड़े को शामिल करने को लेकर पिछले दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काफी हंगामा और विरोध भी किया था। बावजूद प्रशासन को उन्हें मंजूरी देनी पड़ी। इस बार के कुंभ में नागाओं के बाद ये प्रमुख आकर्षण हो सकते हैं।
6- जानें कितना महंगा है सबसे आलीशान टेंट
कुंभ मेले का सबसे आलीशान टेंट प्रति रात्रि 35000 रुपये का है। यह पांच सितारा सूईट जैसा है। ये टेंट 900 वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना है। इसमें दो बेडरूम, एक लिविंग रूम, फर्निचर, बेड, प्राइवेट वाशरूम और एलईडी टीवी के साथ गृहस्थी का सारा सामना भी है।
इसके अलावा यहां वैदिक टेंट सिटी में 24000 रुपये प्रति रात की दर पर टेंट में बना प्रीमियम विला भी है। यहां लग्जरी टेंट की कीमत 19,000 रुपये और 15,000 रुपये प्रति रात है। कल्प वृक्ष टेंट सिटी में 8500 रुपये से लेकर 3500 रुपये तक की कीमत के टेंट एक रात के लिए बुक कर सकते हैं। सबसे सस्ता टेंट 650 रुपये प्रति रात की दर से है। यहां आपको देशी-विदेशी हर तरह का शाकाहारी भोजन उपलब्ध होगा।