सवर्ण आरक्षण : किसे और कैसे मिलेगा लाभ ?
नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को गरीब सवर्णों को आरक्षण देकर ऐतिहासिक निर्णय किया. लोकसभा चुनाव से ऐन पहले सरकार द्वारा आर्थिक आधार पर गरीब सवर्णों को सरकारी नौकरी और शिक्षा के क्षेत्र में 10 फीसदी आरक्षण दिया गया. विपक्ष ने सरकार के इस फैसले को सिर्फ एक चुनावी दांव बताया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी और सरकार ने इसे ऐतिहासिक कदम करार दिया है. अगर आपके मन में इस फैसले से जुड़े कुछ सवाल हैं तो जवाब आपको यहां मिलेंगे...
1. सवर्णों को आरक्षण किसके हिस्से का मिलेगा?
मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को जो 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही है, यह आरक्षण अभी तक दिए जा रहे 50 फीसदी से अलग होगा. यानी, संविधान के अनुसार अभी तक सिर्फ 50 फीसदी आरक्षण दिया जाता है जो कि समाज के पिछड़े तबके को मिलता है. यानी सरकार ने सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला इससे अलग दिया है, इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा.
2. संविधान में प्रावधान नहीं है फिर कैसे मिलेगा?
मोदी सरकार इस फैसले को लागू करने के लिए संविधान में संशोधन करेगी. मंगलवार को ही लोकसभा में संविधान संशोधित बिल पेश किया जाएगा. केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 में बदलाव करेगी. दोनों अनुच्छेद में बदलाव कर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने का रास्ता साफ हो जाएगा.
3. क्या सिर्फ हिन्दू सवर्णों को मिलेगा?
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि केंद्र सरकार के इस फैसले का लाभ हिंदू सवर्णों को मिलेगा. इस फैसले का लाभ हिंदुओं के अलावा मुस्लिम और ईसाई धर्म के लोगों को भी मिलेगा. उदाहरण के तौर पर अगर कोई मुस्लिम सामान्य श्रेणी में आता है और वह आर्थिक रूप से कमजोर है तो उसे 10 फीसदी आरक्षण का फायदा मिलेगा.
4. पटेल-जाट-मराठा आंदोलन का अब क्या होगा?
बीते दिनों में पटेल-जाट-मराठाओं ने आरक्षण के लिए कई तरह के आंदोलन किए हैं. मोदी सरकार के फैसलों से इन्हें भी लाभ मिलेगा, क्योंकि ये सभी जातियां सवर्ण के अंतर्गत आती हैं. ऐसे में इन सभी जातियों को भी आर्थिक आधार पर 10 फीसदी का लाभ मिलेगा.
5. किसे गरीब माना जाएगा और किसे नहीं?
मोदी सरकार ने इस फैसले के साथ ही कुछ शर्तें भी लागू कर दी हैं. इस फैसले के तहत जिनकी आय 8 लाख रुपये सालाना से कम हो उन्हें इस फैसले का लाभ मिलेगा, इसके अलावा जिसके पास 5 हेक्टेयर से कम की जमीन होगी उन्हें भी 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा.
जिन सवर्णों के पास 1000 स्क्वायर फीट से कम का घर होगा, जिनके पास निगम की 109 गज से कम अधिसूचित जमीन होगी, 209 गज से कम की गैर-अधिसूचित जमीन होगी और जो भी किसी आरक्षण के अंतर्गत नहीं आते होंगे उन सभी को इसका लाभ मिलेगा.
6. क्या कोर्ट में सरकार का ये दांव टिक पाएगा?
दरअसल, संविधान के अनुसार आरक्षण सिर्फ सामाजिक असमानता के आधार पर दिया जाता है यानी आर्थिक आधार पर मिलने वाला आरक्षण गैर-संवैधानिक है. कई राज्य सरकारों ने आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की है, लेकिन जब मामला कोर्ट में जाता है तो गैर-संवैधानिक होने के आधार पर खारिज कर दिया जाता गया है. ऐसे में केंद्र सरकार के सामने संविधान में संशोधन करने की चुनौती होगी.
7. किन नौकरियों में ये आरक्षण मिलेगा, केंद्र-राज्य या निगमों की?
मोदी सरकार का ये लाभ सरकारी नौकरियों और शिक्षा के क्षेत्र में मिलेगा. मोदी सरकार का ये फैसला पूरे देश में लागू होगा, ऐसे में जिन क्षेत्रों में आरक्षण का प्रावधान है उसमें केंद्र-राज्य और निगम की नौकरी में इस फैसले का लाभ सीधे तौर पर मिलेगा.
8. क्या राज्य भी दे सकेंगे ऐसा आरक्षण?
पिछले कुछ समय में राज्य सरकारों ने जब भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की कोशिश की है तो कोर्ट ने उसे गैरकानूनी करार दिया है. ऐसे में अगर अब इसको लेकर संविधान में संशोधन किया जाता है, तो फिर राज्य सरकारों के लिए 50 फीसदी से अलग आरक्षण देने का रास्ता खुल सकता है.