धन की पवित्रता दान से होती है
रामानुजकोट में चल रही श्रीमद् भागवत कथा की हुई पूर्णाहुति
उज्जैन। अनंत पुण्यों के प्रभाव से भागवत दर्शन होता है। संस्कार ही जीवन है और संकल्प जीवन परिवर्तन में सहायक। सामर्थ्य के अनुरूप दान करना चाहिये क्योंकि धन की पवित्रता दान से होती है, संपत्ति का सदुपयोग करना चाहिये, धन प्रदर्शन मारक भी बनता है।
उक्त बात श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव के समापन अवसर पर कथा व्यास एवं रामानुजकोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने कही। डॉ. विनोद बैरागी के अनुसार जगद्गुरू श्यामनारायणाचार्य महाराज पीठाधीश्वर अयोध्या के सानिध्य में आयोजित भागवत कथा में शुक्रवार को स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने सुदामा चरित्र की कथा सुनाई इसके साथ ही कथा विश्राम हुआ एवं हवन तथा प्रसादी का आयोजन हुआ। स्व. बालारामदास, स्व. श्याणीबाई एवं स्व. लक्ष्मणदास बैरागी की पुण्यस्मृति में आयोजित भागवत कथा के समापन पर आरती बिंदुबाला बैरागी, डॉ. विनोद बैरागी, अनिता बैरागी, साकार बैरागी ने की।