अंतिम यात्रा में लोग तारीफ करें तो स्वर्ग, बुराई करें तो समझ लेना नर्क में गया
7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण की हुई पूर्णाहुति
उज्जैन। मरणोपरांत व्यक्ति स्वर्ग में गया या नर्क में यह तब मालूम पड़ता है जब उसकी अंतिम यात्रा में शामिल लोग साथ चल रहे होते हैं। यदि साथ चल रहे लोग मृत व्यक्ति की तारीफ करें और उसके चले जाने पर दुख व्यक्त करते हुए आपसी चर्चा करें तो समझिए व्यक्ति सीधे स्वर्ग में जाएगा तथा शवयात्रा में यदि मृत व्यक्ति की बुराई की जाए या उसने किसी से लिया हुआ कर्ज नहीं लौटाया हो, स्वभाव में नरमी न बरती हो, व्यवहारिक न हो जैसी बातें चल रही हों तो समझिए वह व्यक्ति सीधे नर्क में जाएगा।
उक्त बात श्री मौनतीर्थ गंगाघाट पर ब्रह्मलीन ब्रह्मर्षि श्रीश्री मौनी बाबा की पावन जयंती समारोह पर्व अंतर्गत चल रही 7 दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा महापुराण की पूर्णाहुति अवसर पर शंकराचार्य दिव्यानंदजी तीर्थ (भानपुरा पीठ) ने कही। मौनतीर्थ पीठ पीआरओ दीपक राजवानी के अनुसार कार्यक्रम के शुभारंभ में मौनतीर्थ पीठाधीश्वर मानस भूषण संत सुमनभाई, डॉ. अर्चना सुमन, वर्षा कौशिक, भारत भूषण शर्मा,वैभव शर्मा, वर्षा शर्मा, गौरी शर्मा, पूजा शर्मा, तृप्ति शर्मा आदि ने सपरिवार श्रीमद् भागवतजी की पूजा-अर्चना की एवं जगद्गुरू शंकरचार्यजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। शंकराचार्यजी ने महाभारत के एक प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भीष्म पितामह ने भगवान श्रीकृष्ण से प्रश्न किया कि है कृष्ण मुझे मेरे 10 जन्मों के बारे में ज्ञात है कि मैने कभी कोई पाप नहीं किया। तब श्रीकृष्ण ने कहा कि आपको 10 जन्मों का तो ज्ञात है लेकिन 11वें जन्म में जो आपने पाप किये हैं जिसमें आपने एक सर्प को अपने बाण से उठाकर एक पेड़ पर फेंका था उस पेड़ के कांटों से वह सर्प 56 घंटों तक लगातार तड़पता रहा तथा द्रोपदी के चीर हरण के समय द्रोपदी ने जब आपको सहायता के लिए पुकारा तब भी आप उसकी रक्षा हेतु नहीं गए थे इस तरह पाप को देखना भी पाप की श्रेणी में ही आता है तथा इस पाप का फल तो आपको भोगना ही है। इस अवसर पर अभा ब्राह्मण समाज महिला इकाई अध्यक्ष नंदिनी जोशी, रेखा शर्मा, संध्या शर्मा, रेखा भार्गव, प्रियंका शर्मा, लक्ष्मी पंवार, सरोज अग्रवाल, भगवान शर्मा, लतिका शर्मा, मुकेश पाटीदार, वीरेन्द्र काले, प्रतीक व्यास, किरण व्यास, महेश तिवारी सहित गणमान्यजन मौजूद थे।