श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव में क्षिप्रा तट से निकली कलश यात्रा
उज्जैन। श्री लक्ष्मी व्यंकटेश मंदिर रामानुजकोट में श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव का शुभारंभ रविवार को कलश यात्रा के साथ हुआ। जगद्गुरू श्यामनारायणाचार्य महाराज पीठाधीश्वर अयोध्या के सानिध्य में क्षिप्रा तट से कलशों में जल भरकर महिलाएं यात्रा में शामिल हुई तथा भागवत महापुराण को सिर पर धारण कर कलश यात्रा रामानुजकोट पहुंची। यहां पूजन अर्चन के पश्चात कथा व्यास एवं रामानुजकोट पीठाधीश्वर स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज की अमृतवाणी से भक्तों ने श्रीमद् भागवत कथा का रसपान किया।
रविवार सुबह 10.30 बजे रामघाट से कलश यात्रा निकली। यात्रा में भागवत महापुराण को मुख्य यमजान डॉ. विनोद बैरागी सिर पर धारण कर चले। रामानुजकोट में कथा के पहले दिन स्वामी रंगनाथाचार्य महाराज ने भागवत कथा का महत्व बताया जिसमें परीक्षित, गोकरण की कथा सुनाते हुए कहा कि मनुष्य सद्कर्म करे तो उसके वर्तमान के साथ भविष्य भी सुधर जाता है। भागवत पुराण कराने का संकल्प जो लेता है उसके पापों का क्षय हो जाता है साथ ही मृत आत्माओं को वैकुंठवास प्राप्त होता है। डॉ. विनोद बैरागी के अनुसार रामानुजकोट में प्रतिदिन दोपहर 1 से शाम 5 बजे तक भागवत कथा एवं प्रसंगों के आयोजन होंगे। आज 10 दिसंबर को विदुर कथा, वराह अवतार, धु्रव कथा, 11 को जड़भरत, अजामिल, नृसिंह अवतार कथा, 12 को गजग्राह, वामनचरित्र, श्रीराम कृष्ण जन्मोत्सव, 13 को बाललीला, माखनचोरी, श्रीगोवर्धनलीला कथा, 14 को रासलीला, रूम्मणि विवाह कथा तथा 15 दिसंबर को सुदामा चरित्र के साथ कथा विश्राम होगा एवं हवन तथा प्रसादी का आयोजन होगा। स्व. बालारामदास, स्व. श्याणीबाई एवं स्व. लक्ष्मणदास बैरागी की पुण्यस्मृति में आयोजित भागवत कथा में धर्मलाभ लेने का अनुरोध बिंदुबाला बैरागी, डॉ. विनोद बैरागी, अनिता बैरागी, साकार बैरागी ने किया है।