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अमावस्‍या के दिन पवित्र नदियों में स्‍नान करने मिलता है पुण्‍य लाभ ..



गुरुवार, 6 दिसंबर को अगहन मास की अमावस्या है। पुराने समय से परंपरा चली आ रही है कि इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। इसी वजह से अमावस्या पर देशभर की सभी नदियों में स्नान के लिए भक्त बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। काफी लोग ऐसे हैं जो अमावस्या पर नदी में स्नान करना चाहते हैं, लेकिन वे ये पुण्य कर्म नहीं कर पाते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार ऐसे लोगों के लिए भी शास्त्रों में स्नान की विधि बताई गई है। इस विधि से घर पर ही नदी स्नान का पुण्य मिल सकता है...

नहाते समय पानी में मिलाएं गंगाजल
जो लोग नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं, उन्हें पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके साथ ही नहाते समय स्नान मंत्र बोलना चाहिए।

मंत्र : गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जले अस्मिन् सन्निधिम् कुरु॥

नहाते समय ये मंत्र बोलेंगे तो घर पर ही तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है। इस मंत्र में सात पवित्र नदियों के नाम हैं। स्नान के समय इसका जाप करना शुभ माना जाता है।

बोल सकते हैं ये मंत्र भी
मान्यता है कि त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं को गंगा विशेष प्रिय है। इन तीनों देवताओं के साथ गंगा मां कृपा पाने के लिए इस मंत्र का जाप करें...
मंत्र : ब्रह्मकुंडली, विष्णुपादोदकी, जटाशंकरी, भागीरथी, जाह्नवी।

अमावस्या पर इन दोनों में से कोई एक मंत्र का जाप नहाते समय कर सकते हैं। मंत्र जाप की संख्या कम से कम 11, 21 या 108 होनी चाहिए।

कई जगह 7 दिसंबर को भी मनाई जाएगी अमावस्या
मार्गशीर्ष अमावस्या तिथि का आरंभ 6 दिसंबर को 12 बजकर 12 मिनट से होगा । जो 7 दिसंबर को 12 बजकर 50 मिनट तक रहेगी । इस कारण मार्गशीर्ष अमावस्या दो दिन मनाई जाएगी।

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