इस दीवाली लक्ष्मी पूजन के लिए बना ये शुभ संयोग
महालक्ष्मी के पूजन का पर्व दीपावली 7 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा। इस मौके पर समृद्धि और सामर्थ्य प्रदान करने वाला आयुष्मान-सौभाग्य और स्वाति नक्षत्र का मंगलकारी त्रिवेणी संयोग बनेगा। ज्योतिर्विदों के मुताबिक इस संयोग में महालक्ष्मी पूजन का सकारात्मक असर साधक के जीवन में लंबी अवधि तक रहेगा। इस बार पर्व को लेकर किसी प्रकार की संशय की स्थिति नहीं है। पर्व एक मत से मनाया जाएगा। इस दौरान कई विशिष्ट संयोग भी बनेंगे।
ज्योतिर्विद् श्यामजी अग्रवाल के मुताबिक कार्तिक अमावस्या की शुरुआत 6 नवंबर को रात 10.27 पर होगी, जो अगले दिन बुधवार को 7 नवंबर की रात 9.31 तक रहेगी। इस दिन स्वाति नक्षत्र शाम 7.36 बजे तक रहेगा। इसके बाद विशाखा नक्षत्र लगेगा। आयुष्मान योग 6 नवंबर को शाम 7.56 से अगले दिन 7 नवंबर को 5.57 मिनट तक रहेगा। इसके बाद सौभाग्य योग लगेगा, जो 8 नवंबर को शाम 4.23 मिनट तक रहेगा। पं. ओम वशिष्ठ के अनुसार जिस सूर्योदय और प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या हो, उस दिन दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत होता है। इस दिनी पांच दिन किसी तरह के संशय की स्थिति नहीं है। सभी तिथियां पूर्ण और निर्धारित समय पर हैं।
इसलिए खास है तीन योगों का समागम
ज्योतिर्विद् पं. देवेंद्र कुशवाह के मुताबिक इस बार दीपावली पर बन रहा विशिष्ट त्रिवेणी संयोग खास है। कहा जाता है कि आयुष्मान योग में किए कार्य लंबे समय तक शुभ फल प्रदान करते हैं। इनका असर लंबे समय तक होता है। इस योग में किया गया कार्य जीवनभर सुख प्रदान करता है। दूसरा सौभाग्य प्रदान करने वाला सौभाग्य योग है। यह योग सदा मंगल करने वाला है। नाम के अनुरूप यह भाग्य को उदय करने वाला माना जाता है। स्वाति 15वां नक्षत्र है। इसका स्वामी राहु यानी अंधकार है। कहा जाता है कि जिस प्रकार स्वाति नक्षत्र में ओस की बूंद सीप पर गिरती है तो मोती बनती है, ठीक उसी प्रकार इस नक्षत्र में जातक द्वारा किया कार्य उसे सफलता की चमक प्रदान करता है।
दीपोत्सव पर्व : महालक्ष्मी-कुबेर पूजन और दीपदान करने के शुभ मुहूर्त
चौघड़ियानुसार
लाभ : सुबह 6.36 से 7.59 और दोपहर 4.16 से शाम 5.39 बजे तक।
अमृत : सुबह 7.59 से 9.22 और रात 8.54 से 10.31बजे तक।
शुभ : सुबह 10.44 से दोपहर 12.07 और शाम 7.16 से रात 8.54 बजे तक।
चर : दोपहर 2.53 से 4.16 और रात 10.31 से 12.08 बजे तक।
स्थिर लग्न अनुसार
वृश्चिक : सुबह 7.21 से 9.37 बजे तक।
कुम्भ : दोपहर 1.29 से 3.02 बजे तक।
वृषभ : शाम 6.13 से 8.12 बजे तक।
सिंह : रात 12.41 से 2.52 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त
सुबह 11.43.58 से दोपहर 12.31.58 तक
(विशेषः बुधवार के दिन अभिजीत मुहूर्त का यथासंभव त्याग करना चाहिए)
शुभ प्रदोष वेला
शाम 5.39 से 7.49 बजे तक।
महानिशीथ काल
रात 11.44 से 12.32 बजे तक।