शिकायत के बाद हटाये गये भिंड कलेक्टर, यूपी के लोगों का बना एमपी में वोटर कार्ड
भोपाल. चुनाव आयोग ने भिंड कलेक्टर आशीष कुमार को हटा दिया है, उनकी जगह 2009 बैच के आईएएस अफसर धनराजू एस को नया कलेक्टर बनाया गया है। छुट्टी के दिन इसके आदेश जारी किए गए। बताया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश के कुछ लोगों को मध्यप्रदेश का वोटर बनाए जाने की शिकायतें थीं। साथ ही विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग के पैरामीटर पर भी आशीष ने काम नहीं किया था। आयोग ने इसे नॉन-परफाॅर्मेंस माना और उन्हें हटाने का फैसला लिया।
इधर, चर्चा है कि कांग्रेस की शिकायत को भी आयोग ने गंभीरता से लिया था, जिसमें कलेक्टर पर आरोप था कि उन्होंने भाजपा नेताओं को अवैध रूप से खदान आवंटित किए। नए कलेक्टर धनराजू एस अभी लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में संचालक हैं। इसके पूर्व वे सिवनी जिले में कलेक्टर रह चुके हैं। इधर, आशीष कुमार की बतौर भिंड कलेक्टर यह पहली पोस्टिंग थी, वे यहां पांच महीने ही पदस्थ रहे। उन्हें मंत्रालय में उप सचिव के पद पर पदस्थ किया गया है।
जानकारी के अनुसार लहार से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डाॅ. गोविंद सिंह ने हाल ही में केंद्रीय निर्वाचन आयोग से कलेक्टर द्वारा भाजपा नेताओं को अवैध रूप से रेत की खदान आवंटित करने की शिकायत की थी। इसके अलावा आयोग ने चुनाव कराए जाने के लिए महत्वपूर्ण पैरामीटर्स तैयार किए हैं, जिन्हें भिंड कलेक्टर ने पूरा नहीं किया था। यह बात पिछले दिनों हुई आयोग की कलेक्टरों के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग में भी सामने आई थी। यह रिपोर्ट यहां से केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भिजवा दी गई थी।
उपरोक्त मामलों के मद्देनजर भिंड कलेक्टर पर गाज गिरी। आयोग ने भिंड को अतिसंवेदनशील जिला माना है। इस दृष्टि से वहां ऐसे बूथों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए थे, जहां चुनाव के दौरान गड़बड़ियां हो सकती है। साथ ही जिले की सीमा उत्तरप्रदेश से लगी होने के कारण वहां बड़े हुए बूथों के हिसाब से केंद्रीय बलों के डिप्लॉयमेंट का प्लान भी तैयार नहीं किया गया था। इन सभी कमियों पर आयोग ने नाराजगी व्यक्त की थी।
फर्जी वोटर्स की भी थी शिकायत : भिंड जिले के कांग्रेस अध्यक्ष रमेश दुबे ने भी भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत की थी, जिसमें कहा गया था कि कलेक्टर भाजपा नेताओं के दबाव में काम कर रहे हैं। वोटर लिस्ट में स्थानीय विधायक और पार्षदों के एक से ज्यादा स्थानों पर नाम है। बार-बार आवेदन दिए जाने के बाद भी उन्हें नहीं हटाया गया।
यह थी शिकायत : भाजपा के लहार मंडल अध्यक्ष की मां के नाम अाचार संहिता के दौरान बैकडेट में खदान आवंटित करने का आराेप लहार विधायक डॉ सिंह ने बताया कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष नंदराम बघेल की मां करई बघेल के नाम से मड़ोरी में आचार संहिता लगने के बाद बैकडेट में गांव वालों के भारी विरोध के बाद भी गलत तरीके से खदान आवंटित कर दी।
इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत भी की और उन्हें मौके के वीडियो भी दिए गए। शनिवार की रात भारौली थाने में रेत के अवैध खनन के मामले में जिस व्यक्ति पर कार्रवाई हुई, उसकी थाना प्रभारी से कहासुनी हुई। वहां भी उस व्यक्ति ने खुद को कलेक्टर का नजदीकी होना बताया। हालांकि थाना प्रभारी ने इसकी पुष्टि नहीं की।
चुनाव के दौरान हटने वाले आशीष कुमार तीसरे कलेक्टर : चुनाव आयोग ने आचार संहिता के दौरान जिस प्रकार कलेक्टर आशीष गुप्ता काे हटाया गया है। उसी प्रकार अटेर उप चुनाव के दौरान इलैया राजा टी को भी हटाया गया था। इससे पहले वर्ष 2009 में माखन जाटव हत्याकांड के बाद हुए उपचुनाव में भी कलेक्टर केसी जैन को हटाया था।