चल समारोह में बंद कराये माउस, तोड़े मंच, पुलिस ने बरसाई लाठी, कई घायल
विदिशा। शहर में शुक्रवार की रात को दुर्गा विसर्जन के चल समारोह में रात डेढ़ बजे हंगामा हो गया। प्रशासन ने आचार संहिता के नाम पर हिन्दू उत्सव समिति के मंचों के माइक बंद करा दिए। इधर माइक से झांकी समितियों के नाम एनाउंस नहीं होने से नाराज कार्यकर्ताओं ने दो जगह मंच तोड़ दिए। इसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाई। इसमें कार्यकर्ताओं के अलावा झांकी देखने आए लोग घायल हो गए। इन घायलों की संख्या 27 बताई गई है। इनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं।
शहर में हर साल दुर्गा विसर्जन के लिए श्री हिन्दू उत्सव समिति द्वारा चल समारोह निकाला जाता है। शुक्रवार रात करीब 9 बजे यह चल समारोह जिला अस्पताल रोड से शुरू हुआ था। इसके लिए हिन्दू उत्सव समिति ने 6 मंच बनाए थे। रात करीब 1.15 बजे प्रशासन ने समिति के मंचों के माइक बंद करा दिए। इससे झांकी समितियों के लोग नाराज हो गए। उनका कहना था कि उन्होंने समिति में रजिस्ट्रेशन कराया है। उनकी समितियों का नाम मंच से एनाउंस किया जाए।
इसी बात को लेकर प्रशासन और झांकी समिति के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति बन गई। कुछ देर बाद पुलिस ने कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए लाठियां बरसाना शुरू कर दिया। इससे माधवगंज और अस्पताल रोड पर भगदड़ मच गई। पुलिस की इस पिटाई में 27 लोग घायल होना बताया गया है। शनिवार की सुबह समितियों के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली थाने पहुंचकर मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
एसपी बोले - मारपीट की कराएंगे जांच
एसपी विनीत कपूर कहना है कि कुछ लोग चल समारोह में शराब पीकर उपद्रव कर रहे थे। आचार संहिता का पालन कराने के लिए मंचों के माइक बंद कराए गए थे। इसके बाद कुछ लोगों ने मंचों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। कानून व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने जबरन मारपीट की है तो उसकी जांच कराई जाएगी। इधर कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह का कहना है कि उपद्रवी तत्वों की वीडियो फुटेज के आधार पर जांच कराई जाएगी। इसमें लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।