सावन का आखिरी सोमवार, इस तरह करें भोले की उपासना
भगवान शिव की पूजा के लिए सावन के सोमवार बड़े महत्वपूर्ण होते हैं. इसमें मुख्य रूप से शिव लिंग की पूजा होती है और उस पर जल तथा बेल पत्र अर्पित किया जाता है. इसमें विशेष तरह के प्रयोग भी किए जाते हैं.
सावन का अंतिम सोमवार इस वर्ष शिव कृपा प्राप्त करने का अंतिम अवसर होगा. इस अवसर पर अपनी कामनाओं को पूर्ण करने का अंतिम प्रयास किया जा सकता है. किसी भी तरह की मनोकामना को पूर्ण करने के लिए सावन के अंतिम सोमवार को शिवजी की पूजा अवश्य करें. इस बार सावन का अंतिम सोमवार 20 अगस्त को है.
सावन के सोमवार की पूजा विधि-
- स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं.
- घर से नंगे पैर जाएं तथा घर से ही जल भरकर ले जाएं.
- मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें.
- वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें.
- दिन में केवल फलाहार करें.
- सायंकाल भगवान के मंत्रों का जाप करें, तथा उनकी आरती करें.
सावन के अंतिम सोमवार पर संपूर्ण कामनाओं की सिद्धि के लिए-
- शिव जी को जल की धारा अर्पित करें.
- जल अगर अपने घर से भरकर ले जाएं तो उत्तम होग.
- "नमः शिवाय" की 11 माला का जाप करें.
शीघ्र विवाह के लिए-
- शिव जी को सुगंध और जल अर्पित करें.
- केवड़े की सुगंध न चढ़ाएं.
- "ॐ पार्वतीपतये नमः" की 11 माला का जाप करें.
संतान सुख के लिए-
- शिव जी को खीर का भोग लगाए.
- घी के नौ दीपक जलाएं.
-"ॐ शं शंकराय नमः" इस मंत्र का जाप कम से कम 11 माला करें.
मृत्युतुल्य कष्ट से बचने के लिए, शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए-
- शिव लिंग पर पहले 108 बेलपत्र चढ़ाएं.
- इसके बाद जल धारा अर्पित करे.
- "ॐ जूं सः माम पालय पालय " का 11 माला जाप करें.
अगर अपार धनलाभ चाहिए-
- शिव जी का पंचामृत से अभिषेक करें.
- इसके बाद उनको जल धारा अर्पित करें.
- "ॐ नमः शम्भवाय" की 11 माला का जाप करें.