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गुरू ने बहुत कुछ दिया, उसका महत्व समझें- आचार्य नित्यसेन सूरिश्वरजी



उज्जैन। गुरु ने हमें बहुत कुछ दिया है उसका महत्व समझें, उसका सही उपयोग कर जीवन में आगे बढ़ने का पुरुषार्थ करें अगर हमारी सच्ची गुरुभक्ति होगी तो निश्चित गुरुशक्ति प्राप्त होगी। गुरु आशीर्वाद एवं उनकी अमी दृष्टि से हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
उक्त बात राष्ट्रसंत आचार्य जयंतसेनसूरीश्वरजी की 16वीं मासिक पुण्यतिथि के अवसर पर शनिवार को पुण्य सम्राट प्रवचन मण्डप में गच्छाधिपति आचार्य नित्यसेनसुरीश्वरजी ने कही। श्रीसंघ अध्यक्ष मनीष कोठारी के अनुसार इस अवसर पर मुनिराज सिद्धरत्न विजयजी ने कहा कि हम स्वयं की शक्ति को पहचाने और अपनी आत्मशक्ति को जागृत करें। संयमों कि अनुमोदनार्थ संयम उपकरण की भाव यात्रा हमारे भाव को बढ़ाएगी और भाव मात्रा से भाव यात्रा घटती है। मुनिराज विद्वद् रत्न विजयजी ने कहा कि गुरुतत्व हमारे लिए आवश्यक है, गुरु हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाते हैं और जीवन जीने का ढंग सिखाते हैं गुरु परमात्मा सम होते हैं। ’पुण्य सम्राट राष्ट्रसंत आचार्य जयंतसेनसूरीश्वरजी म.सा. का जीवन पूर्ण उपदेश मय था। सद्गुरु हमें मंजिल बताते हैं उनकी आज्ञा में ही जीवन समर्पित है क्योंकि ऐसे सद्गुरु का योग पुण्य से मिलता है। मुनिराज प्रशमसेन विजयजी ने कहा कि सद्गुरु धन्य होते हैं, उनकी आज्ञा में रहने वाले भी धन्य होते हैं, उनके आदेशों पर चलने वाले भी धन्य होते हैं। सद्गुरु की शरण लेने वालों को सद्गुरु कभी भी भटकने नहीं देते हैं। गुरुदेव जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज का जीवन पूर्णरूप से गुरु आज्ञा को समर्पित था उन्होंने गुरु सिद्धांतों पर चलकर अनेक जीवों का मार्ग प्रशस्त किया। हम भी उनके बताए हुए आदर्शों पर चलें और जीवन को सार्थक करें।

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