चन्द्रग्रहण : किस राशि पर पड़ेगा, कैसा प्रभाव ?
27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) की रात्रि में लगने वाला खग्रास चन्द्रग्रहण सम्पूर्ण भारतवर्ष में दृश्य होगा। चन्द्रग्रहण के स्पर्श-सम्मिलन उन्मिलन-मध्य-मोक्ष सभी दृश्य होंगें। भारतीय मानक समयानुसार रात्रि-11:54 मिनट से स्पर्श काल से लेकर रात्रि 3:49 मिनट पर मोक्ष होगा। सम्मिलन रात्रि-12:59 मिनट, उन्मिलन रात्रि 2:43 मिनट मध्य रात्रि 1-52 मिनट एवं मोक्षकाल रात्रि 3:49 मिनट पर होगा।
27 जुलाई 2018 की रात्रि स्पर्श
28 जुलाई 2018 रात्रि मोक्ष दर्शनीय
ज्योतिष गणित ग्रंथ के अनुसार :-
ज्योतिष गणित ग्रंथ के अनुसार ग्रासांगुल- 12:00 होने से चन्द्रविम्ब-राहु विम्ब पश्चिमोत्तर त्रिज्या वायव्य कोण से स्पर्श होकर पूर्व-दक्षिण अग्निकोण में मोक्ष होगा। 2018 की सबसे लम्बी अवधि खग्रास चन्द्रग्रहण 3 घण्टे 55 मिनट की है। यह ग्रहण खण्ड के रूप में आस्ट्रेलिया-न्यूजीलैण्ड के अधिकांश भागों में जापान-रूस-अफ्रीका-यूरोप के अधिकांश भागों में दृश्य होंगें। समापन रात्रि 3:49 मिनट पर दक्षिणी अफ्रीका महाद्वीप में होगा।
9 घण्टे पूर्व से माना गया शूतक :-
धर्म शास्त्र के अनुसार चन्द्रग्रहण से 9 घण्टे पूर्व ग्रहण के शूतक माना गया है। 27 जुलाई 2018 (शुक्रवार) को दिवा 2:54 मिनट से ग्रहण शूतक प्राप्त होगा।इस अवधि में पूजन बन्द नहीं होगा।
अन्न-भोजन रहेगा वर्जित :-
चन्द्रग्रहे तु यामास्त्रीन् नाश्नीयात्!बालवृद्धारतुरैर्विना"
प्रमाण से दीक्षितों के लिए अन्न-भोजन वर्जित है। जल-फल-दूध भरपूर ग्रहणीय है। बच्चों-वृद्धों-रोगियों और विद्यार्थियों के लिए क्षम्य शास्त्र के अनुसार है।
"उपरागे मूर्त्तिस्पर्शो न कर्त्तव्यः"
स्पर्शकाल से मोक्षकाल तक मूर्त्तिस्पर्श-देवपूजन वर्जित है।
गंगा स्नान का विशेष महत्व :-
स्पर्शेस्नानम् मध्ये होमजपादिकम् मुच्यमाणे पुनः स्नानम् उपरागेमूर्त्तिस्पर्शो न कर्त्तव्यः"
स्पर्शकाल में गंगास्नान, नदी-कूपादि स्नान, मध्यकाल में होम-जपादि तथा मोक्षकाल में पुनः स्नान की विशेष महत्ताएं हैं।
सुवर्ण निर्मितं नागं सतिलं ताम्रभाजनम्!
सदक्षिणं सवस्त्रं च श्रोत्रियाय निवेदयेत्!!
सुवर्ण-द्रव्य-सतिल ताम्रपात्र-वस्त्रादि श्रोत्रियों के निमित्त दान श्रेष्ठ है।
वेदांग-ज्योतिष के अनुसार जन्मराशि वाले जातकों के लिए ग्रहण दर्शनीय और अदर्शनीय की भी आस्थाएं हमारे महर्षि पाराशर आदि ने की हैं।
खग्रास चन्द्रग्रहण इन राशियों वाले जातक देखें :-
मेष राशि :- सुख।
सिंह राशि :- सौख्य।
वृश्चिक राशि :- श्री।
मीन राशि :- लाभ।
इन राशियों वाले खग्रास चन्द्रग्रहण न देखें :-
वृष राशि :- मान नाश।
मिथुन राशि :- कष्ट।
कर्क राशि :- पीड़ा, स्त्री पीड़ा।
कन्या राशि :- चिन्ता।
तुला राशि :- व्यथा।
धनु राशि :- क्षति।
मकर राशि :- घात।
कुम्भ राशि :- हानि।
चन्द्रमंडल मकर राशि-उत्तराषाढ़ नक्षत्र में खग्रास चन्द्रग्रहण 2018 वर्ष के फलाफल :-
यह वर्ष सुभिक्ष होगा। खाद्य पदार्थों के मूल्य सामान्य रहेंगें। केन्द्र और राज्य के मध्य मतभेद। नवीन व्यापार व उद्योगों की सृजन में वृद्धि। युद्घ जनित हालात। श्रमिकों में असंतोष। चक्रवात का प्रकोप। साम्प्रदायिक तनाव होंगें। नई व्यापार नीति का विपक्ष से विरोध। धार्मिक संस्थाओं की उन्नति। वायुमंडल में ऊष्णता की वृद्धि। पूर्वोत्तर भागों में वर्षा की कमी। अकाल की विभीषिका। भूकम्पादि से जन-जन हानि के योग। राजनयिकों की विदेश यात्राएं सफल। व्यापार में वृद्धि। कृषि उत्पादन में कमी। बैंकों की सम्पत्ति में वृद्धि। शिक्षा प्रणाली के संदर्भ में विवाद सह बाढ़ की विभीषिकाओं से जन-धन क्षति के लक्षण अनुमान किए जा रहे हैं।